Kaimoor: जिले के 11 प्रखंडों में बालू व गिट्टी की दुकानें धड़ल्ले से चल रही हैं. लोगों को मनमाने दामों पर बालू व गिट्टी बेचाी जा रहाी है. जिले में करीब 100 से अधिक बालू की दुकाने हैं. लेकिन, किसी ने इस साल के लिए लाइसेंस नहीं लिया है. बिना लाइसेंस ही जिले में बालू की बिक्री की जा रही है. बिहार खनिज अधिनियम 2019 के नियमों का उल्लंघन करते हुए बालू का भंडारण कर बेचा जा रहा है. जबकि ऐसा करना गलत है. पिछले वित्तीय वर्ष 2020-21 में जिले के 62 दुकानदारों को खनन विभाग ने लाइसेंस दिया था. इस वित्तीय वर्ष 2021-22 में बालू के भंडारण तथा विक्रय के लिए किसी को लाइसेंस प्राप्त नहीं है. लाइसेंस लिए अभी मात्र तीन लोगों ने आवेदन किया है. लेकिन लाइसेंस किसी को मिला नहीं है. आपको बता दें कि जिला में खनन विभाग, राजस्व विभाग, पुलिस तथा परिवहन विभाग संयुक्त रूप से अभियान चलाकर बालू के भंडारण करने वालों पर कार्रवाई कर रहा है. इस कार्रवाई से बालू के व्यवसायियों में हड़ंकप मच गया है. दुकानों के ताला लटकने लगा है.
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बिना लाइसेंस के धड़ल्ले से बालू और गिट्टी का व्यापार
गौरतलब हो कि जिले में कई पहाड़ी नदियां हैं. लेकिन बरसात के दिनों में उसमें लगातार पानी चलता रहता है. गर्मी के मौसम में नदियों के पानी सूखने के बाद पहाड़ी क्षेत्रों से बहते हुए थोड़ा बालू आता है. तो आसपास के गांव के लोग उस बालू को ट्रैक्टर के माध्यम से घर ले आते हैं. लेकिन जिले में बालू के लिए कोई घाट नहीं है. जिले में बालू औरंगाबाद के बारूण से आता है. जिसके बाद दुकानदार भंडारण कर के विक्रय करते हैं. हालांकि इसके लिए भी लाइसेंस लेना होता है. जबकि अभी तक मात्र तीन लोगों ने ही आवेदन किया है. जबकि जिले के हर प्रखंड में करीब बालू विक्रय के लिए दस से अधिक दुकानें है. इस संबंध में पूछे जाने पर जिला खनन पदाधिकारी नितिन रोशन ने बताया छापेमारी अभियान चल रहा है. छापेमारी में बालू का अवैध भंडारण पकड़े जाने पर संबंधित दुकानदारों पर प्राथमिकी दर्ज कराई जा रही है.
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