Jamtara: जिले के करमाटांड़ प्रखंड में घर-घर नल का जल योजना बस नाम के लिए है. प्रखंड के कई पंचायतों में सोलर से संचालित दो नल लगने के बावजूद उससे पानी की एक बूंद भी नहीं निकल रही है. लोग स्वच्छ जल के लिए भटक रहे हैं . घर पर लगा नल सिर्फ शोभा की वस्तु बनकर रह गई है. नल से पानी नहीं निकलने की स्थिति में जिन घरों में पानी के लिए नल लगा हुआ है, लोग उसका इस्तेमाल जानवर को बांधने के लिए खूंटे के रूप में कर रहे हैं.
नल से एक बूंद पानी नहीं टपकता
तेतुलबंधा पंचायत के मंझलाडीह गांव में सोलर से संचालित टंकी मशीन लगी है. परंतु घर तक पहुंचे नल से एक बूंद पानी नहीं टपकता. जबकि गांव में करीब 6 माह पूर्व नल-जल योजना के तहत हर घर में पाइप और नल लगा दिए गए हैं, लेकिन उससे लोगों को एक बूंद पानी अभी तक नसीब नहीं हुआ है . इस मामले में ग्रामीणों का आरोप है कि नल-जल योजना में लूट है. सरकार के लाखों रुपये का बंदरबांट किया जा रहा है. घरों में जलापूर्ति के लिए पाइप बिछाए जा रहे हैं., वह खराब गुणवत्ता का है. 10 इंच से एक फुट गढ्ढा खोदकर पाइप डाले गए हैं, जबकि प्रावधान के अनुसार तीन फुट गड्ढा खोद कर पाइप बिछाना है। इस योजना में एक घर में तीन नल बैठाना है पर ऐसा नहीं हो रहा है.
पानी की सप्लाई 10 दिन भी नहीं
हर घर नल का जल योजना का काम पंचायती राज विभाग की देखरेख में संवेदक द्वारा किया जा रहा है. तेतुलबंधा पंचायत के मंझलाडीह गांव में जलमीनार और पाइप बिछाकर, आधा काम छोड़ दिया गया है. टंकी से 50 घरों को कनेक्शन भी दिया गया है. लेकिन नल से एक बूंद पानी नसीब नहीं है. ग्रामीण दिनेश दास ने बताया कि पानी की सप्लाई 10 दिन भी नहीं हुई . ग्रामीण लखन दास ने कहा कि गांव में सोलर संचालित टंकी लगी है. परंतु उसका लाभ यहां के लोगों को नहीं मिल रहा है. इधर एजेंसी ने कहा कि मशीन को बदला जाएगा .
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