Ranchi: झारखंड राज्य अराजपत्रित महासंघ ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को ज्ञापन सौंपा है. महासंघ के प्रदेश महामंत्री अशोक कुमार सिंह(नयन) ने ज्ञापन के माध्यम से जानकारी दी है कि राष्ट्रीय फेडरेशन के आह्वान पर 26 नवंबर को राज्य के सभी जिला मुख्यालय में प्रदर्शन कार्यक्रम होगा. राज्य कमेटी ने निर्णय लिया है कि लंच आवर में केंद्र सरकार के कर्मचारी-मजदूर विरोधी नीति के विरोध में 15 सूत्री मांगों को लेकर कर्मचारी आंदोलन में शामिल होंगे.
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एचईसी में भी आंदोलन पर उतरा सीटू
राष्ट्रीय फेडरेशन के आह्वान पर हटिया मजदूर यूनियन सीटू ने भी एचईसी में आंदोलन की घोषणा की है. यूनियन के अध्यक्ष भवन सिंह ने बताया है कि सरकारी उद्योगों में परिवर्तनशील महंगाई भत्ता, जो अक्तूबर 2020 से भुगतान पर रोक लगा दिया गया है. एक साल के बढे हुए डीए का एरियर भी 2021 में नहीं मिलेगा. महंगाई पर रोक लगाने के बजाय बढे हुए महंगाई के भुगतान पर रोक लगा कर, केंद्र सरकार ने मजदूरों का जेब कुतरने का काम किया है. इसलिए सीटू भी आंदोलन में शामिल होगा.
25 की शाम मशाल जुलूस निकालने का निर्णय
वामपंथी संगठनों ने हड़ताल का समर्थन करने और सड़क पर उतरकर हड़ताल को सफल बनाने का निर्णय लिया है. संयुक्त ट्रेड यूनियन, श्रमिक संगठनों और कर्मचारी संघों के संयुक्त कन्वेंशन में केंद्र सरकार की नीतियों के विरोध में 26 नवंबर की देशव्यापी हड़ताल को सफल बनाने का आह्वान किया गया. हड़ताल की सफलता के लिए व्यापक प्रचार-प्रसार अभियान चलाकर 25 नवंबर को हर स्तर पर मशाल जुलूस निकालने का निर्णय लिया गया है.
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संगठनों ने केंद्र सरकार के समक्ष कई मांगें रखी
मजदूर विरोधी श्रम कोड, किसान और कृषि विरोधी अधिनियम वापस लेने, सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों, कल कारखानों, रेलवे और रक्षा क्षेत्र के निजीकरण का निर्णय वापस लेने, रोजगार, वेतन, सामाजिक सुरक्षा और सभी के लिए पेंशन की गारंटी करने, सभी के लिए भोजन, स्वास्थ्य, शिक्षा और आय का प्रबंध सुनिश्चित करने के साथ कोरोना से उत्पन्न स्थिति को देखते हुए आयकर के दायरे से बाहर सभी मेहनतकशों के खाते मे अगले छह माह तक 7500 रुपए ट्रांसफर करने तथा प्रत्येक व्यक्ति को हर महीने 10 किलो अनाज दिए जाने की मांग की है.
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