Hazaribag : अब झारखंड में भी यूपी के तर्ज पर जानवरों के लिए एंबुलेंस उपलब्ध होंगे. झारखंड के कृषि मंत्री बादल पत्रलेख की मानें तो अब झारखंड में कहीं भी कोई पशु दुर्घटनाग्रस्त होता है, तो उसके लिए स्थानीय गौशाला में एंबुलेंस की सुविधा होगी. घायल पशु को उचित इलाज के लिए एंबुलेंस से लाया जा सकेगा. इसके साथ ही बादल पत्रलेख ने यह भी कहा कि उन्हें ना केवल पशुओं की चिंता है, बल्कि उनकी देखरेख के लिए भी व्यापक स्तर पर काम किया जा रहा है. गौशाला को मिलने वाली राशि जो पहले प्रति गाय ₹ 50 निर्धारित थी, उसे लगभग तिगुना कर दिया गया है. कृषि एवं पशुपालन मंत्री बादल पत्रलेख शनिवार को परिसदन हजारीबाग में प्रमंडलीय कृषि एवं पशुपालन पदाधिकारियों के साथ विभाग की विभिन्न योजनाओं की वर्तमान स्थिति को लेकर समीक्षा बैठक कर रहे थे. उक्त बातें उन्होंने बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में कही.
कृषक हर हाल में संतुष्ट होने चाहिए
इस अवसर पर कृषि मंत्री ने कृषि ऋण माफी योजना को लेकर ब्लॉक एवं बैंक से समन्वय बनाते हुए कार्य करने का निर्देश दिया. हजारीबाग में इस योजना से आच्छादन की स्थिति को नाकाफी बताया. साथ ही ई-केवाईसी डाटा अपलोडिंग को अगले 10 दिनों के अंदर पूर्ण करने को कहा. उन्होंने रबी फसल के लिए उपलब्ध कराये गये बीज की गुणवत्ता की जानकारी ली. उन्होंने कहा कि कृषक हर हाल में संतुष्ट होने चाहिए. केसीसी लोन में हजारीबाग ने 26% लक्ष्य हासिल की है, जिसे बढ़ाने की जरूरत है. इस पर कृषि पदाधिकारी ने एसबीआई द्वारा केसीसी में अपेक्षाकृत कम रुचि रखने की जानकारी दी. उन्होंने कहा कि 4 लाख 48 हजार प्रमंडल स्तर पर केसीसी होल्डर हैं.
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पीएम कृषि सिंचाई योजना का हाल निराशाजनक
कृषि मंत्री ने कहा कि पीएम कृषि सिंचाई योजना से 10 हजार लाभुकों को चिन्हित करना था, जिसमें से 500 लाभुक का चयन किया किया गया है, जो निराशाजनक है. लोगों के बीच जागरूकता के कारण वे योजनाओं का लाभ नहीं ले पा रहे हैं. उन्होंने पंचायतों में लग रहे सरकार आपके द्वार कार्यक्रम में ज्यादा से ज्यादा योजनाओं की जानकारी देने की बात कही. साथ ही अधिकारियों को आपस में समन्वय बनाकर कार्य करने का निर्देश दिया. कृषि मंत्री ने किसान शब्द जहां भी प्रयोग हो, वहां बिरसा किसान का नाम जोड़ने को कहा. उन्होंने कहा, कृषक मित्र अच्छा कार्य कर रहे हैं. उनका सहयोग करते हुए अच्छे कार्य कर रहे कृषकों को सम्मानित भी करें.
योजनाओं का भौतिक एवं वित्तीय उपलब्धि पर चर्चा
प्रमंडल स्तरीय समीक्षा बैठक में प्रमुख रूप से भौतिक एवं वित्तीय प्रतिवेदन, पीएल खाता से संबंधित, कृषि ऋण माफी योजना, खरीफ- रबी बीज वितरण, पीएम सिंचाई योजना, एग्रीक्लिनिक योजना, उर्वरक, वर्षा एवं मौसम अच्छादन संबंधी, मिनी लैब, सोयल हेल्थ कार्ड, यूरिया की गुणवत्ता, डिजिटल अपडेट रिपोर्ट तथा केसीसी पर चर्चा हुई. मौके पर वर्ष 2021-22 की योजनाओं का भौतिक एवं वित्तीय उपलब्धि पर चर्चा हुई. केंद्र द्वारा प्रायोजित एनएफ एसएम (दलहन) एवं पीएम किसान समृद्धि योजना पर आत्मा हजारीबाग द्वारा बताया गया कि दलहन में 9.50838 एवं कोरसे कैरेल में चार लाख सहित कुल 13.50838 लाख विपत्र की तैयारी की जा रही है.
कुल 15515 कृषकों को केसीसी ऋण स्वीकृत किये गये
राज्य योजना में कृषि मेला, कर्मशाला प्रदर्शनी, प्रशिक्षण एवं प्रचार-प्रसार, कृषि प्रयोगशाला की स्थापना, एग्रीक्लिनिक की स्थापना आदि की जानकारी ली गई. हजारीबाग में केसीसी का कुल लक्ष्य 132008 के विरुद्ध 1750.5 लाख रुपये के कुल 15515 कृषकों को केसीसी ऋण स्वीकृत किये गये हैं. मौके पर सचिव ने बैंकों में लंबित आवेदनों को तत्परता दिखाते हुए स्वीकृति की संख्या में बढ़ोतरी करने को कहा. वहीं कृषि ऋण माफी योजना पर कृषि पदाधिकारी ने बताया कि 58483 कृषकों में से 16787 कृषकों को कृषि ऋण माफी योजना में स्वीकृति दी गई है. मौके पर विभागीय सचिव ने पंचायतों में लग रहे शिविर में अधिक से अधिक आवेदनों को प्राप्त करने का निर्देश दिया. रबी फसल के लिए वर्ष 2021-22 में अनुदानित दर पर बीज विनियम के लिए प्रखंडवार 67 उठाव करने वाले पैक्स नामित हैं. वही पीएम किसान समृद्धि योजना के अंतर्गत 500 लक्ष्य के विरुद्ध 32 को स्वीकृति दी गई है, जिसे सचिव ने नाकाफी बताया तथा इस पर विशेष ध्यान देने की बात पर बल दिया.
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एग्री क्लीनिक को सुदृढ़ करने का निर्देश
प्रमंडल स्तरीय अधिष्ठापित एग्री क्लीनिक को सुदृढ़ करने का निर्देश दिया. हजारीबाग में दो एग्रीक्लिनिक संचालित हैं. वहीं मिनी लैब से संबंधित विषय पर बताया गया कि सोयल हेल्थ कार्ड योजना अंतर्गत प्राप्त मृदापरीक्षकों की संख्या 80 है, वहीं कार्यरत स्थिति में मृदा परीक्षकों की संख्या 8 है. माह नवंबर 2021 तक 255 सवाल हेल्थ कार्ड वितरित किये जा चुके हैं. हजारीबाग में टॉप यूरिया बायर की संख्या 22 है.
ये पदाधिकारी मौजूद थे
मौके पर कृषि मंत्री के अलावा विभागीय सचिव अबु बकर सिद्दीकी, सहकारिता रजिस्ट्रार मृत्युंजय बरनवाल, मत्स्य निदेशक एचएन छेदी, निदेशक समिति, निदेशक जेसमिन एवं प्रमंडल स्तरीय कृषि, पशुपालन व मत्स्य विभाग के पदाधिकारी मौजूद थे.
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