Ranchi: झारखंड में स्वास्थ्य विभाग में अनुबंध पर काम करने वाले कर्मचारियों की हड़ताल का बुधवार को दूसरा दिन रहा. राजधानी रांची के राजभवन के समक्ष राज्य के सभी जिले से आए अनुबंधित पारा चिकित्सा कर्मियों ने अपनी एकजुटता दिखाते हुए कार्य बहिष्कार कर दिया है. बढ़ती ठंड के बीच सभी कर्मचारी अपनी आवाज को बुलंद कर रहे हैं. सभी ने एक स्वर में कहा कि जब तक हम लोगों को स्थायी नहीं किया जाता है, आंदोलन अनवरत जारी रहेगा. गौरतलब है कि अनुबंधित पारा चिकित्सा कर्मी संघ व एनआरएचएम एएनएम/जीएनएम कर्मचारी संघ के संयुक्त बैनर तले 16 जनवरी को सीएम आवास का घेराव करने के लिए पारा चिकित्सकों का जुटान मोरहाबादी मैदान में हुआ था. यहीं से पदयात्रा करते हुए सभी कर्मी राजभवन पहुंचे थे. लोगों के भीतर आक्रोश था और यही आक्रोश उन्हें बैरिकेडिंग तोड़ने को मजबूर करते हुए सूचना भवन चौक तक पहुंचा दिया, जहां सभी कर्मचारी सड़क पर बैठकर सरकार के विरोध में नारेबाजी की थी. लेकिन अब तक सरकार के स्तर से आंदोलनकारियों से कोई ठोस बातचीत नहीं हुई है, ना ही कुछ निष्कर्ष निकल पाया है. संघ ने निर्णय लिया है कि गुरुवार 19 जनवरी को मानव शृंखला बनाकर अपनी चट्टानी एकता का परिचय देंगे.
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आज मानव शृंखला बनाकर दिखाएंगे एकता
स्वास्थ्य विभाग में अनुबंध पर काम करने वाले कर्मचारियों की हड़ताल के दूसरे दिन पूरे राज्य में चिकित्सा सेवा पर असर
वैकल्पिक व्यवस्था की गई है : सिविल सर्जन
जमशेदपुर जिले के सिविल सर्जन डॉक्टर जुझार मांझी ने बताया कि अनुबंध पारा चिकित्सा कर्मियों के हड़ताल पर चले जाने के कारण स्वास्थ्य व्यवस्था पर आंशिक असर पड़ा है. इसे देखते हुए वैकल्पिक व्यवस्था की गई है. हड़ताल के कारण अस्पताल की आपातकालीन सेवा, गाइनेकोलॉजी डिपार्टमेंट (लेबर रूम) एवं टीकाकरण प्रभावित हुआ है. इसे देखते हुए प्राथमिक एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थापित चिकित्सा कर्मियों की उपरोक्त जगहों पर प्रतिनियुक्ति की गई है.
17 वर्षों से आश्वासन दे रही है सरकार : कांति कुमारी
एएनएम-जीएनएम अनुबंध कर्मचारी संघ की जिला अध्यक्ष कांति कुमारी ने बताया कि 17 वर्षों से सरकार स्थायीकरण का आश्वासन दे रही है, लेकिन कार्रवाई नहीं कर रही है. अब सब्र का बांध टूट चुका है, इसलिए बगैर नियमितीकरण के आंदोलन वापस नहीं होगा. उन्होंने कहा कि सरकार चिकित्सा कर्मियों के साथ भेदभाव कर रही है. इसे अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. अनिश्चितकालीन आंदोलन जारी रहेगा.
स्थायीकरण के अलावा कुछ स्वीकार नहीं : सुनीता कुमारी
पूर्वी सिंहभूम जिले के धालभूमगढ़ में पदस्थापित एएनएम सुनीता कुमारी ने बताया कि वह 16 वर्षों से स्वास्थ्य विभाग में सेवा दे रही है. सरकार न्यूनतम वेतन पर ज्यादा से ज्यादा काम ले रही है. इसलिए अब बगैर स्थायीकरण के कुछ भी स्वीकार नहीं होगा. संगठन की एक सूत्री मांग केवल स्थायीकरण है, जिसे सरकार को पूरा करना होगा. अन्यथा आंदोलन जारी रहेगा. मानदेय में घर-परिवार चलाना मुश्किल हो रहा है, इसलिए सरकार सभी को स्थायी करे.
जान जोखिम में डालकर करते हैं काम : जैस्मीन बानरा
पूर्वी सिंहभूम जिले के पटमदा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थापित लैब टेक्नीशियन जैस्मिन बानरा ने बताया कि अनुबंध पर कार्यरत चिकित्साकर्मी जान जोखिम में डालकर काम करते हैं. इसका उन्हें इनाम नहीं मिलता है. चाहे वह कोरोना का दौर हो अथवा सरकार की महत्वाकांक्षी स्वास्थ्य योजनाएं. सभी में अनुबंध पर चिकित्सा कर्मियों को ड्यूटी में कार्यरत रहने के लिए कहा जाता है. चिकित्सा कर्मी पूरी तन्मयता के साथ कार्य करते हैं.
अनुबंधित पारा चिकित्सक कर्मियों की मांगें जायज : इंदु
खासमहल सदर अस्पताल में पदस्थापित एएनएम इंदुबाला स्वांसि ने बताया कि चिकित्सा कर्मी समय पर ड्यूटी देते हैं. लेकिन उन्हें इसके एवज में अलग से कोई पारितोषिक नहीं मिलता है. न्यूनतम वेतन पर उन्हें अपना घर परिवार चलाना पड़ता है. महंगाई में घर परिवार चलाना काफी मुश्किल हो रहा है. इसलिए सरकार लंबे समय से सेवा दे रहे अनुबंध पर कार्यरत चिकित्सा कर्मियों को स्थायी कर उनकी मांगों को पूरा करे.
परमानेंट करें, नहीं तो आंदोलन जारी रहेगा : प्यारी कुजूर
मानगो नगर निगम क्षेत्र में स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थापित जीएनएम प्यारी कुजूर ने बताया कि वह वर्ष 2010 से स्वास्थ्य विभाग में अपनी सेवा दे रही है. सरकार की ओर से एक निश्चित मानदेय प्रदान किया जाता है. इससे घर परिवार चलाना काफी कठिन हो गया है. अनुबंध पर कार्यरत चिकित्साकर्मी लंबे समय से स्थायीकरण की मांग कर रहे हैं. लेकिन सरकार चुप बैठी है. मजबूर होकर आंदोलन का रास्ता अख्तियार करना पड़ा.
24 से भूख हड़ताल पर बैठेंगे स्वास्थ्य कर्मी : राघव कुमार
अनुबंध पारा चिकित्सा संघ के प्रदेश महामंत्री राघव कुमार ने बताया कि चिकित्सा कर्मियों की मांग जायज है. अगर सरकार इसे पूरा नहीं करेगी तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा. इस दौरान चिकित्सा कर्मी भूख हड़ताल करने को मजबूर होंगे. उन्होंने बताया कि संघ की राज्य इकाई ने आगामी 24 जनवरी से राज भवन के सामने भूख हड़ताल पर बैठने का निर्णय लिया है. तब तक भूख हड़ताल जारी रहेगी जब तक सरकार मांगों को नहीं मान लेती.
चिकित्सा व्यवस्था होगी प्रभावित : कृष्णा चंद्र महतो
पूर्वी सिंहभूम जिला अनुबंध पारा चिकित्सा संघ के जिला अध्यक्ष सह झारखंड पारा मेडिकल लैब टेक्नीशियन संघ के पदाधिकारी कृष्णा चंद्र महतो ने बताया कि चिकित्सा कर्मियों की हड़ताल से निसंदेह स्वास्थ्य व्यवस्था प्रभावित होगी. सरकार को चिकित्सा कर्मियों की मांगों को समय रहते पूरा करना चाहिए. नहीं तो स्थिति और भयावह होगी.. अस्पताल में मरीजों की जांच प्रभावित हो रही है. मांगे पूरी होने तक आंदोलन जारी रहेगा.
इंतजार की इंतेहा हो गई : मानस रंजन ज्योतिषी
खासमहाल स्थित सदर अस्पताल में फार्मासिस्ट के पद पर पदस्थापित मानस रंजन ज्योतिषी ने बताया कि चिकित्सक कर्मियों के स्थायीकरण की मांग लंबे समय से चल रही है. पूर्ववर्ती सरकारों ने केवल आश्वासन दिया कोई काम नहीं किया. वर्तमान सरकार भी उसी परिपाटी पर काम कर रही है. लेकिन अब इंतजार की इंतहा हो गई है. बगैर स्थायीकरण के कोई भी कर्मी कार्य नहीं करेगा. सरकार को हमारी जायज मांगों को मानना ही होगा.
18 वर्षों से लगातार दे रहे हैं अपनी सेवा : लक्ष्मीपति दास
एमजीएम अस्पताल में वर्ष 2004 से बतौर लैब टेक्नीशियन पदस्थापित लक्ष्मीपति दास ने बताया कि 18 वर्षों में कई बार चिकित्सा कर्मियों ने अपनी मांगों से सरकार को अवगत कराया, लेकिन उसे पूरा नहीं किया गया. सरकार ने खुद 10 वर्षों से ज्यादा समय से सेवा दे रहे कर्मचारियों को स्थायी करने की घोषणा की है. लेकिन चिकित्कसा कर्मियों को अनुबंध पर काम करवा रही है. इतने वर्षों बाद उम्र बीत जाने के बाद कहां जाएंगे.
अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ ने दिया समर्थन : आरएन ठाकुर
जमशेदपुर के झारखंड राज्य अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के महामंत्री आरएन ठाकुर ने बताया कि अनुबंध पारा चिकित्सा कर्मियों की मांंगें जायज हैं. झारखंड बनने के बाद से हजारों लोग आज तक अनुबंध पर कार्यरत हैं, जिन्हें स्थाई नहीं किया गया है. कर्मियों की मांगो का झारखंड राज्य अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ ने समर्थन किया है. उन्होंने सरकार से मांग की सरकार जल्द अनुबंध कर्मियों के स्थायीकरण पर निर्णय ले. अन्यथा अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ से जुड़े कर्मचारी भी हड़ताल पर चले जाएंगे.
मांगें पूरी होने तक जारी रहेगा हमारा आंदोलन : पप्पू मंडल
जमशेदपुर के खासमहाल स्थित सदर अस्पताल में पदस्थापित फार्मासिस्ट पप्पू मंडल ने बताया कि वह विगत 7 वर्षों से अस्पताल में सेवा दे रहे हैं. अनुबंध पारा चिकित्सा कर्मियों की मांग जायज है. सरकार को जल्द से जल्द उचित कदम उठाकर हड़ताल समाप्त करवानी चाहिए. हड़ताल के कारण अस्पताल में स्वास्थ्य व्यवस्था पर इसका व्यापक असर पड़ा है. मरीज बगैर दवा लिए घर लौटने को मजबूर हो रहे हैं. सरकार मांग पूरी करें.
आउटसोर्सिंग पर मैनपावर बहाल कर रहे हैं : वीणा सिंह
झारखंड राज्य एनआरएचएम एएनएम/जीएनएम अनुबंध कर्मचारी संघ की प्रदेश महासचिव वीणा सिंह ने कहा 16 साल से काम कर रहे हैं. एक दशक बीत गया और दूसरे दशक में प्रवेश कर गए हैं. महंगाई आसमान छू रही है. परिवार नहीं चल पाता है. स्वास्थ्य कर्मियों के परिवार की चिंता सरकार को नहीं है. आउटसोर्सिंग पर लोगों को बहाल कर हमें भूखे मरने के लिए छोड़ दिया गया है. अब हमलोग आर-पार की लड़ाई के मूड में हैं.
जब तक नियमित नहीं करेंगे, जारी रहेगा आंदोलन : पूजा
रांची जिले में एएनएम के रूप में कार्यरत पूजा कुमारी ने कहा कि हम विवश हैं. तभी तो इस खुले आसमान के नीचे धरना दे रहे हैं. अपने बच्चों और परिवार को छोड़कर अपने संघ के साथ एकजुटता के साथ खड़े हैं. जब तक हम सभी को नियमित नहीं किया जाएगा आंदोलन जारी रहेगा. हमलोग कई बार अपनी मांगों को लेकर गुहार लगा चुके हैं. हर बार हमें सिर्फ आश्वासन मिला है. सरकार ने अबतक कुछ भी नहीं किया है.
अल्प मानदेय में नहीं होता है परिवार का गुजारा : शशिबाला
रांची की शशिबाला ने कहा कि हम सभी स्वास्थ्य विभाग का महत्वपूर्ण अंग है. हमारे मेहनत के बूते ही झारखंड स्वस्थ हुआ है, लेकिन हमारे स्वास्थ्य का ख्याल किसी को नहीं है. अल्प मानदेय में परिवार का गुजारा नहीं होता है. सरकार को जल्द कोई फैसला लेना चाहिए. हम हर बार सरकार के लुभावने आश्वासन के चक्कर में फंस जाते हैं और फिर हमारी मांगें अधूरी रह जाती हैं. ऐसे में इस बार हमलोग अटल हैं और आंदोलन जारी रहेगा.
350 किमी दूर से रांची आकर कर रही हूं आंदोलन : सुरूज
पाकुड़ जिले से आयी सुरुज ने कहा कि संगठन के साथ हैं. इसलिए आंदोलन के लिए यहां पहुंचे हैं. 350 किलोमीटर दूर से आकर रांची में रहकर अपनी हक के लिए आवाज को बुलंद कर रहे हैं. सरकार जब तक हम लोगों को नियमित नहीं करेगी धरने पर बैठे रहेंगे. हम काफी सालों से स्वास्थ्य विभाग को अपनी सेवाएं दे रहे हैं कोरोना जैसे हालात में जान पर खेलकर हमने सभी कार्य किए. लेकिन इसका हमें कोई लाभ नहीं मिला है.
पूरे राज्य में स्वास्थ्य व्यवस्था को कर दिया है ठप : हेमलता
दुमका से आयीं हेमलता ने कहा कि एकता में ही बल है और हम सभी एक हैं. हमारी एक ही मांग है कि जब तक नियमित नहीं किया जाएगा, तब तक धरना जारी रहेगा. हम लोगों ने पूरे राज्य भर में स्वास्थ्य व्यवस्था को ठप कर दिया है. दो दिन की हड़ताल से ही सूबे की चिकित्सा सेवा चरमराई हुई है. लोगों को इलाज में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. इस बार हमारा आंदोलन हर दिन और तेज होगा. सरकार हमारी मांग जल्द पूरी करे.
अब तो नियमित होकर ही लौटेंगे अपने घर : रावतीन
खूंटी जिले से आयी रावतीन ने कहा कि संघर्ष के बाद मिलने वाले परिणाम का मजा ही कुछ और होता है. फिलहाल संघर्ष कर रही हूं, लेकिन यहां से खुशखबरी लेकर ही अपने घर को लौटेंगे. खुशखबरी यही होगा कि हम सभी नियमित को कर जाएंगे. रकार चिकित्सा कर्मियों के साथ भेदभाव कर रही है. इसे अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. अनिश्चितकालीन आंदोलन जारी रहेगा.
सरकार जल्द मांगों को पूरी करे. सरकार ने अनदेखी, की, तो आंदोलन को हुए मजबूर : सुचिता
सरायकेला की रहने वाली सुचिता खलखो ने कहा कि यह हमारी भी मजबूरी है, तभी तो हम आंदोलन कर रहे हैं, क्योंकि 15 साल तक अनुबंध पर काम कर कुछ हासिल नहीं हो पाया है, महीने के 15-16 हजार में क्या होगा? यह अच्छे से समझ सकते हैं. सरकार चिकित्कसा कर्मियों को अनुबंध पर काम करवा रही है. इतने वर्षों तक सेवा देने के बाद उम्र बीत जाने के बाद कहां जाएंगे. इससे सभी भयभीत हैं. मजबूरी में आंदोलन का रास्ता अपनाना पड़ा.
हमारे योगदान को नहीं समझती है सरकार : सुनीता
सरायकेला से आयी सुनीता कुमारी ने कहा कि कोरोना काल में जब लोग अपने घरों से नहीं निकल रहे थे, उस वक्त थर्मल स्क्रीनिंग करना, कोविड जांच करना और मरीजों को अस्पताल में इलाज पहुंचाने वाले हम ही लोग हैं, हमारे ही बूते केंद्र सरकार ने झारखंड को बेहतर रैंक दिया था, लेकिन हमारे योगदान को सरकार नहीं समझती है . ऐसे में हमें अपना भविष्य अंधकारमय नजर आ रहा है. इसलिए आंदोलन पर अडिग हैं.
मझगांव सीएचसी के अनुबंधकर्मी भी हड़ताल पर
स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत अनुबंधकर्मियों ने समायोजन, नियमितीकरण को लेकर बुधवार को मझगांव प्रखंड़ के अनुबंधकर्मियों ने सीएचसी के बड़ाबाबु सागर कुमार झा को ज्ञापन सौंपकर अनिश्चिकालीन हड़ताल पर चले गये. प्रखंड़ के एएनएम, जीएनएम, लैब टेक्नीशियन, फर्मासिस्ट आदि ने एकजुट होकर कहा कि विगत 15 वर्षों से झारखंड़ के स्वास्थ्य विभाग में अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए कार्य करते आ रहे हैं और अल्प मानदेय पर कार्यरत हैं, परंतु झारखंड़ सरकार अभी तक अनुबंधकर्मियों को सिर्फ अश्वासन देते आ रही है.
सेवा स्थायी होने तक हड़ताल जारी रहेगी, सभी कर्मचारी एकजुट हैं
कर्मियों ने कहा कि जब तक हमलोगों का नियमितीकरण नहीं होता है, हमलोग हड़ताल जारी रखेंगे. वर्तमान कोविड-19 जैसी गंभीर परिस्थिति में भी हमलोगों ने फ्रंटलाइन वर्कर के रूप में कार्य करते आ रहे है. मालूम हो कि प्रखंड़ में सात स्वास्थ्य उप केंद्रों धोबाधोबिन, खड़पोस, सोनापोसी, नयागांव, घोडाबंधा, शारदा व रुगड़साई में गर्भवती महिलाओं के लिए प्रसव केंद्र संचालित होता आ रहा है लेकिन अनुबंधकर्मियों के हड़ताल पर चले जाने से स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी प्रभावित हो गई है. प्रखंड में लगभग एक लाख से ज्यादा जनसंख्या वाली सुदरवर्ती क्षेत्र में स्वास्थ्य व्यवस्था पुरी तरह से ठप हो गया है.
मझगांव में आठ स्थायी एएनएम संभालेंगी प्रसव कक्ष
सागर कुमार झा ने कहा कि आठ स्थायी एएनएम का मझगांव सीएचसी प्रसव कक्ष में रोस्टर बनाया गया है जब तक अनुबंध कर्मियों की हड़ताल समाप्त नहीं होती है तब तक ये लोग ही कार्य करेंगे. पंचायतों के स्वास्थ्य उपकेंद्रों में सीएचओ कार्यरत हैं वे सभी केंद्रों पर अपना ड्युटी करेगी. इस अवसर पर जीएनएम ललिता सुमन पुरती, रंजनी खलको, पिंकी पुरती, सुनिता पन्ना, एएनएम अलजीना, रंजिता, शांती सुमन सोरेंग, सीता खलको, सुनिता कुमारी, ममता कुमारी, रेखा कुमारी, कुमारी वीणा, प्रियंका सिन्हा, सरस्वती कुमारी, रेखा कुमारी, सुमन पुरती, अंजु मुंड़ा, बलदेव सरदार, अजय कुमार प्रधान आदि कर्मी उपस्थित थे.
बहरागोड़ा : पारा मेडिकल कर्मियों की हड़ताल से कई उप स्वास्थ्य केंद्रों में ताला लटका
नियमितीकरण की मांग को लेकर बहरागोड़ा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के अधीन कार्यरत 28 पारा मेडिकल अनुबंध कर्मी हड़ताल पर हैं. इससे बहरागोड़ा प्रखंड क्षेत्र की स्वास्थ्य सेवा चरमरा गई है. विशेष कर ओपीडी, लेबर रूम, टीकाकरण, टीबी उन्मूलन, परिवार नियोजन जैसी कई स्वास्थ्य सेवाएं पूरी तरह से चरमरा गई हैं. कई स्वास्थ्य उप केंद्रों में ताले लटक रहे हैं. इससे ग्रामीण क्षेत्र के मरीजों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. समय पर इलाज नहीं हो पाना चिंता का विषय बना है. बुधवार को अनुबंध कर्मियों ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र परिसर में धरना दिया. इस विषय में प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ उत्पल मुर्मू ने बताया कि अनुबंध कर्मियों की हड़ताल के कारण स्वास्थ्य सेवाएं दे पाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
घाटशिला : हड़ताल से ग्रामीण क्षेत्रों मे स्वास्थ्य सेवा प्रभावित मरीजों की बढ़ गयी परेशानी
राज्यभर के अनुबंधित पारा चिकित्सा कर्मी हड़ताल पर रहने के कारण ग्रामीण स्वास्थ्य व्यवस्था पर काफी असर देखने को मिल रहा है. घाटशिला अनुमंडल अस्पताल का ओपीडी पूरी तरह से काम कर रहा है. अनुमंडल अस्पताल में एमटीसी, एसएनसीयू आदि यूनिट में जो भी हैं, वे ट्रेंड एएनएम हैं. सभी अनुबंधित पारा मेडिकल स्टाफ ही हैं. इस कारण भी इस यूनिट में असर देखने को मिला. यहां की नर्सें भी हड़ताल पर हैं. एनएचएम व एनआरएचएम के कर्मचारी ही हड़ताल पर हैं. अनुमंडल अस्पताल घाटशिला के उपाधीक्षक डॉ शंकर टूटू का कहना है कि अनुबंधित पारा चिकित्सा कर्मी के हड़ताल पर रहने से ग्रामीण चिकित्सा व्यवस्था निश्चित रूप से प्रभावित हुई है.
चाईबासा: एनआरएचएम की अनिश्चितकालीन हड़ताल का असर ग्रामीण क्षेत्रों में अधिक
सरकार ने एनआरएचएम कर्मियों को स्थायी नहीं किया है. इसके विरोध में एनआरएचएम कर्मी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं. उनके हड़ताल पर जाने के कारण शहरी क्षेत्र के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों की स्वास्थ्य व्यवस्था बुरी तरह से प्रभावित हो गई है. ग्रामीण क्षेत्रों के एल वन सेंटर की पूरी तरह से प्रभावित है. इन सेंटरों पर ग्रामीण क्षेत्र की गर्भवती महिलाओं को सुरक्षित मातृत्व का लाभ दिया जाता है. स्वास्थ्य विभाग द्वारा व्यवस्था को सुचारू बनाए रखने के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य कर्मियों को तैनात किया गया है, जबकि पंचायत स्तर पर बनाए गए एल वन पर काम करने वाला कोई एएनएम नहीं है. जिले में एनआरएचएम के लगभग 600 कर्मी कार्यरत हैं. यह स्वास्थ्य व्यवस्था का बहुत बड़ा आधार है. सिविल सर्जन डॉक्टर साहिर पाल ने बताया कि प्रखंड व जिला स्तर पर सीएचओ को लगाया गया है.
लातेहार : इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने किया चिकित्सा कर्मियों की हड़ताल का समर्थन
पिछले दो दिनों से जिले के अनुबंधित चिकित्सा कर्मी हड़ताल पर हैं. वे सीधा समायोजन की मांग कर रहे हैं. उनके हड़ताल में चले जाने से स्वास्थ्य सेवाओं पर इसका खासा असर पड़ा है. खासकर प्रसव व जांच सेवाएं काफी प्रभावित हुई हैं. इधर, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने भी अनुबंधित स्वास्थ्य चिकित्सा कर्मियों की इस हड़ताल का समर्थन किया गया है. 18 जनवरी को आईएमए के जिला अध्यक्ष डॉ एसपी शर्मा सिविल सर्जन कार्यालय के समक्ष हड़ताल में बैठे अनुबंधित चिकित्सा कर्मियों से मुलाकात की और उनके इस आंदोलन को अपना नैतिक समर्थन दिया. डॉ शर्मा ने मुख्यंमत्री से अनुबंधित चिकित्सा कर्मियों का सीधा समायोजन करने की मांग की.
डुमरिया : पारा चिकित्साकर्मी हड़ताल पर,क्षेत्र के अधिकतर स्वास्थ्य उपकेंद्र रहे बंद
डुमरिया के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के पारा चिकित्सा कर्मी नियमितीकरण की मांग को लेकर बुधवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गये. एएनएम के हड़ताल पर जाने से प्रखंड के अधिकांश उप स्वास्थ्य केंद्र बंद हो गये हैं. इसके साथ ही नियमित टीकाकरण कार्य भी ठप हो गया है. सीएचसी परिसर में एएनएम बबीता कुमारी, उर्मिला कुमारी,सुषमा आइंद, सुमंती टोपनो समेत अन्य पारा चिकित्साकर्मी धरना पर बैठी रहीं. स्वास्थ्य केंद्र बंद होने से ग्रामीण इलाके के मरीजों को चिकित्सा में भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की चिकित्सा व्यवस्था भी चरमरा गई है. कई स्वास्थ्य केंद्रों के बंद रहने के कारण कई मरीज बिना इलाज कराए ही लौट गए. उधर, हड़ताल पर बैठे कर्मचारियों का कहना है कि वे इस बार अपनी मांगें मनवा कर ही रहेंगे. आंदोलन और तेज होगा.