RANCHI: उत्तराखंड के चमोली में हादसे के सात दिन के बाद भी 172 मजदूर का पता नहीं चला है. जिसमें झारखंड के 14 श्रमिक भी शमिल है. प्राप्त सूचना के अनुसार सभी लापता श्रमिक 50 फीट मलबे में दबे हैं. अब तक 28 शव मलबे से निकले गये हैं. शव जिस तरह निकल रहे हैं उससे पहचान करना असंभव बताया जा रहा है.
जिला प्रशासन चमोली शवों की पहचान के लिये डीएनए टेस्ट करा रही है. साथ ही परिजनों का भी डीएनए सैंपल लिया जा रहा है. लापता मजदूरों में झारखंड के लोहरदगा से 9 एवं रामगढ़ के गोला के 4 मजदूर शमिल हैं.
#Uttarakhand: Gurdeep Singh CMD of NTPC visits the rescue site. He said that agencies are quite close to reach to the second tunnel. He said that compensation will be provided to all the affected people as per the standards.
?Sushil Tiwari pic.twitter.com/0bv68hbtSa
— All India Radio News (@airnewsalerts) February 12, 2021
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NTPC, उत्तराखंड और यूपी सरकार ने की मुआवजे की घोषणा
एनटीपीसी ने हादसे के शिकार श्रमिकों के परिजनों को मुआवजा और पेंशन का ऐलान कर दिया है. लापता और मृत मजदूरों के परिजनों को एनटीपीसी 20 लाख रुपये मुआवजा देगी साथ ही परिजनों को पेंशन भी देगी. इसके साथ ही उत्तराखंड सरकार ने 4 लाख रुपये मुआवजा देने की घोषणा की है. इसके पहले यूपी सरकार ने भी लापता और मृत मजदूरों के आश्रितों को दो लाख रुपये मुआवजा देने की घोषणा की है.
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झारखंड के ये मजदूर हैं लापता
झारखंड के रामगढ जिला से 4 लोग चमोली गये थे. ये लोग एनटीपीसी कंपनी में काम करने गये थे. लापता हुए लोग रामगढ़ जिला के गोला प्रखंड के निवासी बताये जा रहे हैं. इनके नाम कुलदीप कुमार, मदन महतो, जितेंद्र कुमार, मिथलेश महतो हैं. लोहरदगा जिला के किस्को थाना क्षेत्र के रविंद्र उरांव, ज्योतिया बाखला, नेमहश बाखला, सुनील बाखला, अनूप बाखला, दीपक उरांव, मजनू बाखला, बिक्की उरांव व प्रेम उरांव भी चमोली हादसे में लापता हैं.
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