Saraikela / Kharsawan : सरायकेला और खरसावां में ओड़िया भाषियों ने बैठक कर राज्य सरकार पर ओड़िया भाषा की उपेक्षा करने का आरोप लगाते हुए आंदोलन करने की बात कही है. राज्य अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष अशोक षाड़ंगी की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में ओड़िया समुदाय के लोगों ने अपनी मांगांे के समर्थन में सभी जिला मुख्यालयों में धरना प्रदर्शन कर राज्यपाल को ज्ञापन देने की बात कही है. अशोक षाड़ंगी ने कहा कि वर्ष 2009 में तत्कालीन अर्जुन मुंडा सरकार ने ओड़िया, बांग्ला समेत 9 जनजाति भाषाओं को राज्य के द्वितीय राजभाषा का दर्जा दिया. इसके बाद के सरकारों ने ओड़िया भाषा की उपेक्षा की है. ओड़िया स्कूलों में भाषायी शिक्षक व पुस्तक उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है. ओड़िया स्कूलों को अनुदान देना बंद कर दिया गया है. जैक की टीचर ट्रेनिंग परीक्षा में ओड़िया भाषा को हटा दिया गया है. इसको लेकर ओड़िया भाषियों में नाराजगी है. अशोक षाड़ंगी ने कहा कि दलगत राजनीति से ऊपर उठ कर अपने अधिकार के लिए ओड़ियाभाषी आंदोलन करेंगे, क्योंकि भाषा व संस्कृति से ही हमारी पहचान है. इसे समाप्त करने के लिए एक षडयंत्र किया जा रहा है. बैठक में उत्कल सम्मेलनी के जिला महासचिव सुशील षाड़ंगी, आलोक दास, विश्वजीत प्रधान, जयजीत षाड़ंगी, नयन नायक, विवेकानंद आराधन, भरत मिश्रा, रंजीत मंडल, किशोर मिश्रा, अजय प्रधान, राजकुमार स्वाईं आदि उपस्थित थे.