- और थानेदार की ढिठई देखिए, कहते हैं…ऊ तो हमारा दोस्त है, उससे लेन-देन तो चलता ही रहता है
Saurav Singh
Ranchi : ये हैं थानेदार दिनेश ठाकुर. सरायकेला एसपी आनंद प्रकाश ने इन्हें ईचागढ़ थाना क्षेत्र में विधि-व्यवस्था बनाए रखने की जिम्मेवारी सौंपी है. लेकिन ठाकुर साहेब खुद ही रंगदारी वसूली में मशगूल हैं. डरा-धमका कर कारोबारियों से रंगदारी वसूलते हैं. इनकी रंगदारी से त्रस्त ईंट भट्ठा मालिक बिरसा मांझी ने डीजीपी नीरज सिन्हा और जोनल आईजी पंकज कंबोज से इनकी करतूतों की शिकायत की है. लेकिन यहां के एसपी आनंद प्रकाश को अपने थानेदार की करतूतों की जानकारी तक नहीं है. पूछने पर कहते हैं- का जाने, हमको नहीं पता है. हमारे पास मामला आया भी नहीं है. और थानेदार दिनेश ठाकुर की ढिठई देखिए, कहते हैं.. ऊ बिरसा तो हमारा देस्त है. उससे तो लेन-देन चलता ही रहता है. काहे शिकायत किया है, हमको तो पता नहीं. फिर उन्हें आपने छुपा क्यों दिया है, तो उन्होंने कहा कि छुपाएंगे काहे…ऊ तो डीएसपी आफिस में हैं, उनसे पूछताछ की जा रही है.
बार-बार कर रहे पैसे की डिमांड, नहीं देने पर झूठे केस में फंसाने की धमकी
सरायकेला थाना के ईचागढ़ थाना क्षेत्र के रुगड़ी गांव के रहने वाले बिरसा मांझी ने डीजीपी और आईजी से थानेदार की रंगदारी की शिकायत की है. मांझी ने बताया कि मैं एक व्यापारी हूं. मेरा हाईवा व ईंट भट्ठे का कारोबार है. थाना प्रभारी द्वारा एक लाख रुपए वसूला गया है और बराबर पैसों की डिमांड की जा रही है. मैंने कई बार थाना प्रभारी दिनेश ठाकुर को ऑनलाइन पेमेंट किया है. पैसे उन्होंने अपने स्टेट बैंक के अकाउंट में ट्रांसफर कराया है.
भाई को आर्म्स एक्ट के झूठे केस में फंसा कर भेजा जेल
बिरसा मांझी ने अरोप लगाया कि पैसे नहीं देने के कारण थाना प्रभारी ने 29 मई को उनके बड़े भाई बिष्णु मांझी पर झूठा अरोप लगाते हुए आर्म्स एक्ट के मामले में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. फिर शुरू हुआ थानेदार का भयादोहन. केस कमजोर करने के नाम पर एक लाख रुपए की डिमांड की. डर कर उन्होंने पैसों का भुगतान कर दिया, तो थानेदार का मन बढ़ता गया. वह और भी रुपए की डिमांड करने लगे. थानेदार लगातार परेशान कर रहे हैं. धमकी भी देते हैं, फिर से नए केस में फंसा देंगे. थानेदार की हरकतों से परेशान बिरसा ने दिनेश ठाकुर से हुई बातचीत को रिकार्ड कर लिया. उन्होंने डीजीपी को बताया है कि थानेदार से बातचीत की रिकार्डिंग का ऑडियो और ऑनलाइन पेमेंट का स्टेटमेंट भी उनके पास है. जरूरत पड़ने पर वे पुलिस के उच्चाधिकारियों को उपलब्ध करा देंगे.
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