Akshay Kumar Jha
Ranchi: 25 मार्च को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की तरफ से राज्य के दो अंचलाधिकारी (सीओ) को निलंबित करने का आदेश दिया. साथ ही उनपर विभागीय कार्यवाही चलाने की मंजूरी भी सीएम हेमंत सोरेन की तरफ से दी गयी थी. लेकिन मुख्यमंत्री के आदेश का पालन होता नहीं दिख रहा है. यहां गौर करने वाले बात यह है कि बतौर सीएम हेमंत के निलंबन के आदेश के बाद भू राजस्व और कार्मिक विभाग को आगे की कार्यवाही करनी है. ये दोनों विभाग के मंत्री भी हेमंत सोरेन हैं. बावजूद इसके किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं हो रही है. उन दोनों अधिकारियों में सरिया के तत्कालनी सीओ शशिभूषण वर्मा और गिरिडीह जिला के सरिया की तत्कालीन अंचलाधिकारी सुनिता कुमारी शामिल थी.
सीएम की तरफ से मीडिया को जारी प्रेस नोट में कहा गया था कि इन दोनों अधिकारियों पर सरकारी भूमि का अवैध रूप से जमाबंदी करने का आरोप है. कहा गया कि शशिभूषण वर्मा पर सरिया मौजा के बड़की सरिया के विभिन्न गैरमजरूआ खाता/प्लॉट/रकबा को विभिन्न रैयतों को विभिन्न तिथियों में ऑनलाइन कर सरकारी भूमि का अवैध रूप से नामांतरण करने का आरोप है.
वहीं सुनीता कुमारी पर सरिया मौजा के बड़की सरिया तीन प्लॉट को ऑनलाइन कर सरकारी भूमि का अवैध रूप से नामांतरण करने का आरोप है. एसडीएम बगोदर की जांच में सभी आरोप सही पाए गए हैं. यह आरोप काफी गंभीर हैं. इसलिए इन्हें निलंबित करते हुए विभागीय कार्यवाही चलाने का आदेश दिया जाता है.
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निलंबन के आदेश के बाद महीने भर में किया दूसरी जगह ज्वाइन
25 मार्च को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने दोनों अधिकारियों को निलंबित करने का आदेश दिया था. निलंबन से पहले 18 मार्च को भू राजस्व विभाग की तरफ से कई सीओ का तबादला किया गया था. इसमें सुनिता कुमारी का भी नाम था. सुनिता कुमारी का तबादला सरिया (गिरिडीह) से हेरहंज (लातेहार) किया गया. निलंबन के आदेश के बावजूद एक महीने के अंदर ही सुनिता कुमारी हेरहेज के सीओ का पदभार ग्रहण करती हैं. वहीं निलंबन के वक्त शशिभूषण वर्मा डुमरी में पदास्थापित थे. वो अभी तक अपनी सेवा वहीं दे रहे हैं.
तीनों विभाग सीएम के पास, फिर भी नहीं निकला आदेश
एसडीएम की जांच के बाद दोनों अधिकारी के निलंबन का प्रस्ताव भू राजस्व विभाग की तरफ से सीएम के पास भेजा गया. 25 मार्च को निलंबन की मंजूरी मिलने के बाद वापस फाइल भू राजस्व विभाग के पहुंची. जहां से आदेश जारी करने के लिए फाइल कार्मिक विभाग पहुंची. इन तीनों विभाग के मंत्री खुद हेमंत सोरेन हैं. लेकिन दो महीना से ज्यादा होने को हैं और कार्मिक की तरफ से निलंबन का आदेश जारी नहीं किया गया. लिहाजा निलंबन के आदेश के बावजूद सुनिता कुमारी ने हेरहेज के सीओ पद पर ज्वाइन किया और शशिभूषण वर्मा डुमरी में सीओ पद पर बने हुए हैं.
कोरोना काल के बहाने की भी बात की जाए तो राज्य में 22 अप्रैल को पहला लॉकडाउन लगा था. यानि आदेश के एक महीने के बाद. ऐसे में सवाल उठाना लाजिमी है कि इतने दिनों के बाद भी सीएम के आदेश के बावजूद निलंबन का आदेश क्यों नहीं निकाला गया.
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शासन-प्रशासन में जब तक ततुरगिरी हावी रहेगा सुधार होना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है। अधिकारी सैद्धान्तिक रूप से मन्त्रियों के आदेश के पालक हैं।किंतु उनकी चतुराई में मंत्रीगण घिर कर उन्हीं से रास्ता पूछते हैं तो वे अपना हिसाब से रास्ते तय करते हैं।लिहाज़ा व्यवहारिक रूप से प्रशासनिक कार्यों में अधिकारी हावी हो चुके हैं। यहीं सुधार करना आवश्यक है।