Ranchi : झारखंड के अल्पसंख्यक बच्चों को बेहतर शिक्षा-दीक्षा मिल सके, इसके लिए राज्य में पहली बार अल्पसंख्यक आवासीय विद्यालय बनाया जाएगा. पहले चरण में राज्य के पांचों प्रमंडल में एक-एक यह आवासीय विद्यालय बनाया जाएगा. केंद्र सरकार की एकलव्य मॉडल रेसिडेंसियल स्कूल (EMRC) की तर्ज पर बनने वाले अल्पसंख्यक आवासीय विद्यालयों के लिए बीते दिनों ही अल्पसंख्यक मंत्री हफीजुल हसन और विभागीय सचिव के बीच एक बैठक भी हुई है. सचिव को बजटीय प्रावधान से टोकन मनी सौंपने की भी बात हुई है. सचिव को निर्देश मिला है कि प्रमंडल के किन जिलों में एक विद्यालय खोला जाए, इसके लिए जमीन खोजने का काम करें. उम्मीद है कि जल्द ही अल्पसंख्यक बच्चों के लिए इस आवासीय विद्यालय के निर्माण की प्रक्रिया प्रारंभ की जाएगी.
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आर्थिक कमजोरी बनती है अल्पसंख्यक बच्चों की शिक्षा में बाधक
बता दें कि झारखंड के कई जिलों में ऐसे अल्पसंख्यक बच्चे हैं, जो आर्थिक रूप से काफी कमजोर हैं. आर्थिक कमजोरी के कारण इन बच्चों की पढ़ाई प्रभावित होती है. अनुसूचित जाति-जनजाति बच्चों के लिए पूर्व में स्कूल संचालित हैं. लेकिन अल्पसंख्यक बच्चों के लिए ऐसे विद्यालयों का अभाव है. ऐसे में इस समुदाय के गरीब बच्चों को बेहतर शिक्षा नहीं मिल पा रही है. पांच प्रमंडल में एक-एक अल्पसंख्यक आवासीय विद्यालय खुलने से इस समस्या का समाधान होगा.
रहने, खाने, पुस्तक की होगी मुफ्त सुविधा, चार से पांच एकड़ में बनेगा विद्यालय
भविष्य में बनने वाले इन विद्यालयों में वर्ग 1 से 10 तक के बच्चों को विद्यालय में रहने, खाने, पुस्तक आदि की मुफ्त सुविधा होगी. इससे अल्पसंख्यक समुदाय के गरीब बच्चे यहां रहकर बेहतर शिक्षा प्राप्त कर सकेंगे. विभागीय सूत्रों की मानें, तो प्रत्येक विद्यालय के चार से पांच एकड़ जमीन की आवश्यकता पड़ेगी. विभागीय मंत्री के निर्देश के बाद विभागीय अधिकारी जमीन चिन्हित करने में जुट गये हैं.
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