सूचना देने पर भी नहीं पहुंचती पुलिस, घटना घटने के बाद दिखाई देते हैं खाकी वर्दीधारी
Pramod Upadhyay
Hazaribagh : हजारीबाग जिले के विभिन्न थानों में काउंटर केस की परंपरा चल पड़ी है. एक पक्ष अगर न्याय के लिए थाने पहुंचती है, तो पुलिस दूसरे पक्ष को उकसा कर काउंटर केस कराती है. इसके पीछे का मकसद भी कुछ और ही होता है. इस गोरखंधंधे में खासकर आईओ (जांच पदाधिकारी) की अहम भूमिका होती है. आईओ को पीड़ित पक्ष के न्याय मिलने में सबसे बड़ा अड़चन समझा जाता है. हजारीबाग जिले के विभिन्न थानों में ऐसे कई मामले सामने भी आए हैं. कई मामले में तो सूचना दिए जाने के बाद भी पुलिस स्थल तक नहीं पहुंचती है. घटना घट जाने के बाद खाकी वर्दीवालों का वहां चेहरा दिखाई देता है. इतना ही नहीं एसडीओ का आदेश थाने में धूल फांकता रहता है और पीड़ित पक्ष न्याय के लिए भटकता रहता है.
ताजा मामला : केस : 1- खीरगांव स्थित अंसार मुहल्ले में चांद अंसारी घर बना रहे थे. उस जमीन पर वर्षों से विवाद है. बड़ा बाजार थाने में आवेदन भी दिया गया था. लेकिन चांद मियां गुरुवार को मकान का निर्माण शुरू कर दिये. इस पर दूसरे पक्ष के लोगों इकबाल मियां, फकीर मोहम्मद, शमामा, शहनाज परवीन आदि ने विरोध शुरू किया. चांद मियां, गोल्डी, विक्की और उनके पक्ष के अन्य लोगों के नहीं मानने पर थाने को सूचना दी. थाने ने इकबाल मियां आदि को फटकार लगाते हुए कहा कि एसडीओ के आदेश के बाद ही कुछ करेंगे. एसडीओ कोर्ट ने उस जमीन पर धारा-144 लागू कर दी. उसके बाद भी जब शुक्रवार को मकान निर्माण का काम नहीं रोका गया और न ही स्थल पर पुलिस आयी. ऐसे में दोनों पक्षों में विवाद बढ़ गया और मारपीट हो गई. कई लोग घायल हो गए. उसके बाद वहां केस के आईओ पहुंचे और घायलों को थाना जाने की बात कही. वहीं आईओ ने दूसरे पक्ष को भी काउंटर केस करने के लिए उकसाया और वे लोग भी पीछे से थाने पहुंच गए.
केस-2 : शहर के इंद्रपुरी चौक स्थित परवरिश नर्सिंग होम में पिछले दिनों दो लोगों के बीच जमकर मारपीट हुई थी. इसमें स्पेशल ब्रांच की महिला भी घायल हो गई थीं. नर्सिंग होम के संचालक ने सदर थाना में मामला दर्ज कराया. वहीं पुलिस के कहने पर ही दूसरे पक्ष की ओर से भी काउंटर केस किया गया. थाने में दोनों पक्षों के आवेदन पड़े रहे और बाद में सुलह करवा दिया गया.
केस- 3 : सालभर पहले केरेडारी के सलगा में ठेकेदार तालाब गहरीकरण करा रहा था. तालाब के सामने की जमीन पर ठेकेदार ने मिट्टी रखवा दी. इसका वहां घर बनाए ग्रामीण ने विरोध किया और फिर दोनों पक्षों में जमकर मारपीट हो गई. उसके बाद ठेकेदार के मुंशी ने केरेडारी थाने में आवेदन देकर न्याय की गुहार लगाई. इस मामले में पुलिस ने दूसरे पक्ष को उकसाकर काउंटर केस करा दिया. फिर पंचायत बैठी और मामले को सलटाया गया.