Ranchi : झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने दीवाली के मौके पर पटाखा और आतिशबाजी पर कई तरह की पाबंदी लगा दी है. रांची समेत 14 जिलों में केवल GREEN CRACKERS (हरित पटाखे) की बिक्री होने की अनुमति बोर्ड ने दी है. इसके अलावा दो घंटे रात आठ से दस बजे तक ही पटाखा चलाने की अनुमति होगी. नियम नहीं मानने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
इन जिलों में बिकेंगे GREEN CRACKERS
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से जारी सूचना के अनुसार रांची, रामगढ़, बोकारो, पलामू, पूर्वी सिंहभूम, पश्चिमी सिंहभूम, सरायकेला-खरसावां, हजारीबाग, गिरिडीह, धनबाद, देवघर, गोड्डा, पाकुड़ और साहेबगंज की हवा थोड़ी प्रदूषित पाई गई है. इन जिलों में केवल GREEN CRACKERS की ही बिक्री की जा सकेगी. साथ ही केवल दो घंटे पटाखा चलाने की अनुमति दी गई है.
दस जिलों की स्थिति संतोषप्रद
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने कहा है कि दस जिले चतरा, गढ़वा, लातेहार, लोहरदगा, गुमला, सिमडेगा, खूंटी, कोडरमा, जामताड़ा और दुमका की वायु गुणवत्ता संतोषप्रद है. इस जगहों पर 125 डिबी(ए) से कम ध्वनि सीमा वाले पटाखे बेचे जा सकेंगे. इन जिलों में भी केवल दो घंटे रात आठ से दस बजे तक पटाखा चलाने की अनुमति होगी.
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छठ और क्रिसमस के लिए भी यही व्यवस्था रहेगी
राज्य में पटाखा चलाने संबंधित यह व्यवस्था दीपावली के साथ-साथ छठ, क्रिसमस और अन्य मौके पर भी लागू रहेगा. छठ में सुबह छह से आठ औऱ क्रिसमस व नव वर्ष में रात 11.55 से 12.30 बजे तक लोग पटाखे फोड़ सकते हैं. जो भी व्यक्ति निर्देशों का उल्लंघन करेगा, उनके खिलाफ आईपीसी की धारा 188 और वायु (प्रदूषण, निवारण औऱ नियंत्रण) अधिनियम, 1981 की धारा 37 और अन्य संगत अधिनियमों के तहत विधि सम्मत कार्रवाई की जाएगी.
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क्या है GREEN CRACKERS
औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) की संस्था नीरी ने ऐसे पटाखों की खोज की है जो पारंपरिक पटाखों जैसे ही होते हैं पर इनके जलने से कम प्रदूषण होता है. इससे आपकी दीवाली का मजा भी कम नहीं होता, क्योंकि ग्रीन पटाखे दिखने, जलाने और आवाज में सामान्य पटाखों की तरह ही होते हैं. हालांकि ये जलने पर 50 फीसदी तक कम प्रदूषण करते हैं.