NewDelhi : विपक्षी दलों ने बुधवार को मोदी सरकार द्वारा पेश किये गये आम बजट में गैर भाजपा राज्यों की अनदेखी का आरोप लगाते हुए राज्यसभा से बहिर्गमन किया.
#WATCH | Before the Opposition walked out of Rajya Sabha over ‘discriminatory’ Budget, LoP Rajya Sabha Mallikarjun Kharge said, “…Yeh kursi bachane ke liye yeh sab hua hai…We will condemn it and protest against it. All INDIA alliance parties will protest…How will… pic.twitter.com/i00BsjXuhL
— ANI (@ANI) July 24, 2024
VIDEO | “This Budget is discriminatory and unfair. They (BJP) are saying that they allotted special package to Bihar to build roads but roads are built anyway. All of this is deceptive,” says Congress chief Mallikarjun Kharge (@kharge) as INDIA bloc MPs protest over… pic.twitter.com/39290NfATm
— Press Trust of India (@PTI_News) July 24, 2024
#WATCH | On Opposition’s protest against ‘discriminatory’ Budget, FM Nirmala Sitharaman in Rajya Sabha says,”…In every Budget, you don’t get an opportunity to name every state of this country…The Cabinet had taken a decision to set up a port on Vadavan. But Maharashtra’s name… pic.twitter.com/KSEATuMNpf
— ANI (@ANI) July 24, 2024
विपक्षी दलों के सदस्यों ने आम बजट 2024-25 में बिहार और आंध्र प्रदेश को छोड़कर अन्य राज्यों की अनदेखी करने का आरोप लगाते हुए बुधवार को राज्यसभा से बहिर्गमन किया. विपक्ष के इन आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि बजट भाषण में राज्यों का नाम न लेने का अर्थ यह नहीं है कि उन्हें नजरअंदाज किया गया है.
उच्च सदन की कार्यवाही आरंभ होने के कुछ देर बाद विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने बजट का जिक्र करते हुए कहा, इसमें किसी भी राज्य को कुछ नहीं मिला. सबकी थाली खाली और दो की थाली में पकौड़े और जलेबी.
कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक इंडिया गठबंधन के दल इसकी निंदा करते हैं
खरगे ने दावा किया कि बजट में तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक, महाराष्ट्र, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, छत्तीसगढ़, दिल्ली और ओड़िशा सहित कई राज्यों को कुछ नहीं मिला. उन्होंने कहा, मैंने ऐसा बजट कभी नहीं देखा. यह सिर्फ किसी को खुश करने के लिए, कुर्सी बचाने के लिए… यह सब हुआ है. हम इसकी निंदा करते हैं. कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक इंडिया गठबंधन के दल इसकी निंदा करते हैं.
खरगे ने आरोप लगाया कि जिन क्षेत्रों में विपक्षी पार्टी चुनकर आयी है या जहां जनता ने सत्तारूढ़ पार्टी को नकार दिया है, उन क्षेत्रों को बजट में नजरअंदाज किया गया है. उन्होंने प्रश्न उठाया कि अगर बजट में संतुलन नहीं होगा तो विकास कैसे होगा?
सीतारमण ने कहा, बजट भाषण में हर राज्य का नाम लेना संभव नहीं होता
इसके बाद कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्षी दलों के सदस्य सदन से बहिर्गमन कर गये. खरगे के आरोपों का जवाब देते हुए वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि बजट भाषण में अक्सर हर राज्य का नाम लेना संभव नहीं होता है लेकिन इसका यह लगाना कि राज्यों को नजरअंदाज किया गया, अनुचित है. सीतारमण ने कहा कि उन्होंने बजट पेश करने के दौरान महाराष्ट्र का नाम नहीं लिया लेकिन हाल में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 76,000 करोड़ रुपये की लागत वाली वधावन बंदरगाह परियोजना (महाराष्ट्र) को मंजूरी दे दी है.
सीतारमण ने कहा, विपक्ष के नेता ने जो आरोप लगाये हैं, वे अस्वीकार्य हैं
सीतारमण ने कहा कि बजट में कई योजनाओं की घोषणा की गयी है तो क्या इन योजनाओं का लाभ सभी राज्यों को नहीं मिलेगा. उन्होंने विपक्षी दलों पर आरोप लगाया कि वे ऐसा विमर्श गढ़ने का प्रयास कर रहे हैं कि बजट में राज्यों को कुछ नहीं दिया गया. उन्होंने कहा, विपक्ष के नेता ने जो आरोप लगाये हैं, वे अस्वीकार्य हैं. सीतारमण अभी जवाब दे ही रही थी कि विपक्षी दलों के सदस्य सदन में लौट आये. इस दौरान तृणमूल कांग्रेस के कुछ सदस्यों ने बजट में पश्चिम बंगाल को नजरअंदाज करने का आरोप लगाया.
बजट पर चर्चा के लिए 20 घंटे का समय आवंटित किये गये
इस पर पलटवार करते हुए सीतारमण ने कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार कई केंद्रीय योजनाओं को राज्य में लागू नहीं कर रही है. थोड़ी देर के लिए इस मुद्दे पर सदन में हंगामा भी हुआ. सभापति जगदीप धनखड़ ने सदस्यों से कहा कि बजट पर चर्चा के लिए 20 घंटे का समय आवंटित किया गया और इस दौरान सभी सदस्य विस्तार से अपनी बात रख सकते हैं. उन्होंने कहा कि यदि जरूरत पड़ी तो वह चर्चा के समय को और बढ़ा देंगे और सभी को बोलने का मौका देने का प्रयास करेंगे. इसके बाद शून्यकाल आरंभ हुआ और सदन की कार्यवाही शांतिपूर्ण तरीके से आगे बढ़ी.