Ranchi : ग्रामीण विकास विभाग द्वारा सूबे की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने पर जोर दिया जा रहा है. विभाग के सचिव का पदभार संभालने के बाद मनीष रंजन ने संचालित योजनाओं की स्थिति का जायजा लिया. वहीं मनरेगा के तहत संचालित योजनाओं की समीक्षा भी की गई. मनीष रंजन ने सभी जिलों के उप विकास आयुक्त और प्रखंड विकास पदाधिकारी से प्रखंड में संचालित मनरेगा कार्य की पंचायतवार जानकारी ली. मनरेगा योजना के कार्य की धीमी प्रगति पर नाराजगी भी व्यक्त कर चुके हैं. साथ ही उप विकास आयुक्त को कोरोना काल में गांवों में मनरेगा के तहत योजनाएं संचालित कर ग्रामीणों को गांव में ही रोजगार उपलब्ध कराने को कहा.
इसे भी पढ़ें – बिहार में मेडिकल और इंजीनियरिंग कॉलेज में लड़कियों के लिए 33 फीसदी आरक्षण, CM नीतीश का ऐलान
रोजगार के लिए ग्रामीणों का पलायन न हो, इसके लिये विभाग कर रहा काम
सचिव मनीष रंजन ने सभी लगतार न्यूज से बातचीत में मनीष रंजन ने कहा कि मनरेगा कार्य का उदेश्य ग्रामीणों को रोजगार उपलब्ध करवाना है. इसके लिये सरकार और विभाग तत्पर है. इस दिशा में विभाग की ओर से कई निर्देश भी दिये गये हैं. उन्होंने प्रखंड विकास पदाधिकारी को हर हाल में मनरेगा के तहत हर गांव में पांच-छह योजनाएं संचालित कर रोजगार सृजन करते हुए पलायन रोकने के लिय कार्य करने को लेकर निर्देशित किया. प्रखंड विकास पदाधिकारी से लेकर उप विकास आयुक्तों को करने को कहा गया है कि मजबूरन किसी भी व्यक्तिी को रोजगार की तलाश में पलायन करना न पड़े. इसके लिय विभाग की ओर से जबावदेही तय करते हुए कार्रवाई करने की बात भी कही. विभाग की ओर सूबे के सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी को निर्देश दिया गया कि मनरेगा कार्य में थोड़ी सी भी लापरवाही नहीं हो. गांव में योजना संचालित कर मानव दिवस सृजन किया जाए. मनरेगा में 50 प्रतिशत महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने का निर्देश भी दिया गया है.
इसे भी पढ़ें – IMA का दावा : पतंजलि ने मछली पर किया कोरोनिल का टेस्ट, वो भी ठीक से नहीं हुआ
विभाग के लिए चुनौती : 26650 एकड़ में लगाये जाने हैं फलदार वृक्ष
बिरसा हरित ग्राम योजना का लक्ष्य तक पहुंचना विभाग के लिए चुनौती भरा है. बिरसा हरित ग्राम योजना के तहत 10 जून तक लक्ष्य के अनुरूप गड्ढा खुदाई और घेराव का कार्य पूरा करना है. चालू वित्त वर्ष में 26650 एकड़ में योजना के तहत फलदार वृक्षारोपण किया जाना है, लेकिन योजना की रफ्तार सुस्त होने की वजह से लक्ष्य पूरा करना मुश्किल लग रहा है. इस योजना के लिए विभाग ने जिलावार लक्ष्य निर्धारण किया गया है. इसमें बोकारो 1000, चतरा 900, देवघर 1500, धनबाद 600, दुमका 1100, ईस्ट सिंहभूम 900, गढ़वा 1000, गिरिडीह 1200, गोड्डा 1000, गुमला 3000, हजारीबाग 1000, जामताड़ा 900, खूंटी 1800, कोडरमा 600, लातेहार 700 ,लोहरदगा 700, पाकुड़ 600, पलामू 1000, रामगढ़ 700, रांची 2000, साहिबगंज 450, सरायकेला खरसावां 700, सिमडेगा 1300, वेस्ट सिंहभूम 2000 एकड़ है.