Vinit Upadhyay
Ranchi: कोरोना का संक्रमण सुदूर ग्रामीण इलाकों तक पांव पसार चुका है. रांची से सटे ग्रामीण इलाकों में कोरोना का प्रकोप देखने को मिल रहा है. लगातार की टीम ने रांची के नगड़ी प्रखंड के बालालौंग पंचायत की स्थिति का जायजा लिया. हमने इस पंचायत के कई ग्रामीणों और मुखिया से जो जानकारी इकट्ठा की उसके मुताबिक बालालौंग पंचायत के सभी गांव और टोले के कई ग्रामीण फिलहाल अस्वस्थ हैं. इन्हें कोरोना है या नहीं इस सवाल पर बालालौंग पंचायत की मुखिया टेरेसा कच्छप कहती हैं कि इस पंचायत में 50 से ज्यादा लोग अवस्थ हैं, लेकिन कुछ लोगों ने ही अपना कोविड जांच कराया है इसलिए पक्के तौर पर यह नहीं कहा जा सकता है कि बीमार सभी लोग कोरोना संक्रमित हैं.
इस पंचायत की कुल आबादी 5378 है, जिसमें कुल 2790 के लगभग पुरुष और 2588 महिलाएं शामिल हैं.अब तक यहां कुल 14 ग्रामीणों की मौत पिछले 20 दिनों के अंदर हुई है. फिलहाल 4 लोगों की तबियत गंभीर रूप से खराब है और उनका इलाज रिम्स अस्पताल,पारस अस्पताल और संत बरनाबास अस्पताल में चल रहा है.
जो गंभीर रूप से बीमार हैं उनके नाम ललित तिर्की,सीता उरांव पति कर्मा उरांव,सुनील कुजूर पिता प्रभु सहाय कुजूर और बिरसा लिंडा पिता सोमा लिंडा हैं. 5 हज़ार से ज्यादा की आबादी वाले इस गांव के लोग अभी भी एक अदद अस्पताल या स्वास्थ्य केंद्र की सुविधा से महरूम हैं. जबकि पूरे नगड़ी प्रखंड को पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास के कार्यकाल में डिजिटल गांव घोषित कर दिया गया है. बालालौंग पंचायत धुर्वा इलाके से सटा हुआ क्षेत्र है. यहां भी शहरों की तरह ही सड़कों पर सन्नटा पसरा हुआ है और गांव वीराने में तब्दील हो चुकी है.
लगातार की टीम इस इलाके में जानकारी लेने के लिए करीब 1 घंटे तक रही और इस एक घंटे के दौरान हमारी मुलाकात सिर्फ 7 लोगों से ही हुई. ग्रामीण कहते हैं कि सरकार ने लॉकडाउन लगाया है इसलिए हम घरों से नहीं निकल रहे. रोजाना टीवी और अखबारों में हजारों लोगों के संक्रमित होने और कई दर्जन लोगों की मौत की खबरें काफी डरावनी लगती हैं. इसलिए हम गांव से तभी निकलते हैं जब कोई बेहद जरूरी काम हो. क्योंकि गांव के कई लोग बीमार हैं लेकिन कोई भी व्यक्ति कोरोना टेस्ट नहीं कराना चाहता.