Ranjeet Kumar
Ranchi : कोरोना काल में आम आदमी को आर्थिक चोट लगी है. इसके बाद भी स्कूलों की डिमांड कम नहीं हो रही है. राजधानी रांची का ऑक्सफोर्ड स्कूल भी इसमें आगे है. स्कूल का प्रबंधन अपनी हरकतों की वजह से चर्चा में बना हुआ है. पिछले वर्ष कोरोना के समय झारखंड सरकार ने अभिभावकों की पीड़ा को समझते हुए आदेश जारी किया था. आदेश के पांचवें बिंदु में इस बात का उल्लेख किया गया था कि स्कूल बंद रहने की अवधि तक किसी प्रकार का वार्षिक शुल्क, यातायात शुल्क या अन्य प्रकार का शुल्क अभिभावकों से नहीं लिया जाएगा. लेकिन सरकार के आदेश को अनदेखा कर ऑक्सफ़ोर्ड स्कूल ने अभिभावकों से ट्यूशन फीस के अतिरिक्त कई प्रकार की भारी भरकम राशि वसूली.
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अभिभावकों ने जताया था विरोध
स्कूल के इस निर्णय का अभिभावकों ने विरोध भी किया. अभिभावकों के विरोध को देखते हुए प्रबंधन ने यह घोषणा की कि ऑक्सफ़ोर्ड स्कूल में इस वर्ष वार्षिक शुल्क नहीं लिया जाएगा. स्कूल द्वारा वार्षिक शुल्क नहीं लेने की बात अखबारों और न्यूज चैनलों में प्रमुखता से दिखाया गया. स्कूल प्रबंधन के इस निर्णय की खूब वाहवाही हुई, लेकिन यह घोषणा दिखावा मात्र रह गयी.
lagatar.in को अभिभावकों द्वारा यह सूचना प्राप्त हुई कि अखबारों में खबर छपने और वाहवाही लूटने के बाद स्कूल के पुनः वार्षिक और अन्य अतिरिक्त शुल्क के लिए दबाव डाला गया. इसके अतिरिक्त एक वीडियो भी प्राप्त हुआ, जिसमें ऑक्सफोर्ड स्कूल के फीस काउंटर पर अभिभावक से कई तरह के शुल्क मांगे जा रहे हैं. हमने वार्षिक शुल्क और अन्य प्रकार के शुल्क लिए जानकारी को लेकर स्कूल के चेयरमैन कुशवाहा शशिभूषण मेहता से संपर्क किया. शशिभूषण मेहता द्वारा स्पष्ट जवाब नहीं देते हुए फोन कट कर दिया गया. इसके बाद हमने स्कूल जाकर भी प्रबंधन या प्रिंसिपल से स्कूल का पक्ष जानने का प्रयास किया गया. लेकिन स्कूल ने कोई पक्ष नहीं रखा गया.
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कौन हैं स्कूल के चेयरमैन शशिभूषण मेहता
ऑक्सफोर्ड स्कूल के चेयरमैन कुशवाहा शशिभूषण मेहता राज्य की पांकी विधानसभा सीट से विधायक हैं. 2009 से ही वे विधानसभा चुनाव लड़ते आए हैं. 2019 के विधानसभा चुनाव से पहले वे बीजेपी में शामिल हुए थे और पहली बार विधायक बने. उनपर अपने विद्यालय की एक महिला कर्मी की हत्या के मामले में इन पर हुआ केस ने भी काफी सुर्खियां बटोरी थीं.