Chaibasa: जगन्नाथपुर प्रखंड का जैंतगढ़ लैंपस तय लक्ष्य का आधा भी धान नहीं खरीद पाया. 16 पंचायतों के 491 किसानों ने धान बेचने के लिए रजिस्ट्रेशन कराया था. लैंपस में इस साल 26 हजार क्विंटल धान खरीदने का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन अबतक सिर्फ 278 किसानों से 10621.95 क्विंटल धान ही खरीदी गई है. जबकि 113 किसानों की 15378.05 क्विंटल धान अबतक खरीदी नहीं जा सकी है. वहीं जिन 278 किसानों ने धान बेचा है उनमें से 105 किसानों के खाते में 3 महीना बीतने के बाद भी पैसा नहीं आया है. 173 किसान अभी भी भुगतान की उम्मीद में लैंपस का चक्कर काट रहे हैं.
घरों में रखे धान भी यास तूफान की वजह से हो गये बर्बाद
धान बेचने के बाद किसानों के पास पैसे नहीं बचे हैं, वहीं लॉकडाउन के कारण उनकी आर्थिक स्थिति बिगड़ रही है. उधर जिन किसानों का धान अबतक नहीं बिका है उनकी आस पर भी यास तूफान ने पानी फेर दिया. कई किसानों के रखे हुए धान पानी में भींगकर खराब हो गये.
लैंपस के पास धान रखने की क्षमता कम
कम धान खरीद के पीछे वजह ये है कि जैंतगढ़ लैंपस में धान रखने की क्षमता काफी कम है. दो से तीन दिन में ही गोदाम भर जाता है. धान उठाव समय पर नहीं हो पा रहा है. सप्ताह भर बाद ट्रक धान उठाने आता है. उधर मिल वाले भी धान की खरीद करने से कतरा रहे हैं. इसे देखते हुए बीडीओ ने पंचायत भवन में धान रखने की व्यवस्था की थी. समय पर माल उठाव नहीं होने के कारण पंचायत भवन का भी गोदाम भर गया है. किसानों का कहना है कि जिन लोगों ने रजिस्ट्रेशन कराया है सबों की धान सरकार खरीदे. धान खरीद की डेडलाइन को बढ़ाया जाए और किसानों को समय पर भुगतान किया जाए.