NewDelhi : पेरिस स्थित फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) का तीन दिवसीय 19 अक्टूबर से शुरू है. सत्र 21 अक्टूबर तक चलेगा. खबर है कि इसमें पाकिस्तान पर भी फैसला होगा. सूत्रों के अनुसार आतंकवाद को बढ़ावा देने और वित्त पोषण करने के आरोप में पाकिस्तान FATF की ग्रे लिस्ट में अगले साल तक बने रह सकता है. जर्मन मीडिया हाउस डॉयचे वेले के सूत्रों के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट से बाहर करने का वैश्विक निकाय का फैसला अप्रैल 2022 में होने वाले अगले सत्र में लिया जा सकता है.
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पाकिस्तान मनी लॉन्ड्रिंग की जांच में विफल रहा था
जान लें कि एफएटीएफ ने जून में पाकिस्तान को मनी लॉन्ड्रिंग की जांच में विफल पाते हुए अपनी ग्रे लिस्ट में रखा था. साथ ही पाकिस्तान को हाफिज सईद और मसूद अजहर सहित संयुक्त राष्ट्र द्वारा नामित आतंकवादी समूहों के वरिष्ठ नेताओं और कमांडरों की जांच और मुकदमा चलाने के लिए कहा था. पाकिस्तान को जून 2018 में FATF द्वारा ग्रे लिस्ट में रखा गया था और उसे अक्टूबर, 2019 तक इसे पूरा करने के लिए कार्य योजना दी गयी थी. लेकिन पाकिस्तान विफल रहा. तब से पाक उस सूची में बना हुआ है.
पाकिस्तान को फरवरी 2021 में भी टास्क मिला था
पाकिस्तान को फरवरी 2021 में भी टास्क मिला था कि अगर पाकिस्तान एफएटीएफ की कुछ शर्तों को पूरा कर लेता है तो वह लिस्ट से बाहर हो सकता है. पाकिस्तान ने 27 मापदंडों में से 3 को पूरा करने में असमर्थता दिखाई थी. जिसके बाद उसका ग्रे स्टेटस बरकरार रखा गया था.
पाकिस्तान लगातार एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट में बना हुआ है. पाकिस्तान ने तब 27 पैरामीटर में से 6 पैरामीटर पूरे हीं कर सका था. फिर पाकिस्तान को नसीहत मिली थी कि पाकिस्तान को और ज्यादा अपने देश में ध्यान देने की जरूरत है.