Search

इस्लामाबाद : बद से बदतर हुए पाकिस्तान के आर्थिक हालात

Islamabad : अपने देश के लोगों को विकास का नया सपना दिखाकर सत्ता में आए पाकिस्‍तानी प्रधानमंत्री इमरान खान अपने देश को प्रगति की नई राह पर तो नहीं ले जा सके, बल्कि पाकिस्तान को कर्ज में पूरी तरह डुबो दिया. आए दिन देश में दैनिक उपयोग में इस्तेमाल होनेवाली वस्तुओं की बढ़ रही कीमतों ने आम लोगों का जीना मुहाल कर दिया है. इनमें रोजाना खाने में इस्तेमाल होनेवाली सब्जियां, तेल, आटा व अंडे जैसी चीजें शामिल हैं. पाकिस्‍तान के आर्थिक हालात इतने खराब हो चुके हैं कि उसे अपने कर्ज को चुकाने के लिए दूसरे देशों से लोन लेना पड़ रहा है. लोग कह रहे हैं कि पाकिस्‍तान चीन का उपनिवेश बनने जा रहा है. यही नहीं, लोग चीन-पाकिस्‍तान आर्थिक कॉरिडोर और उसमें फैले भ्रष्‍टाचार को पाकिस्‍तान के उपनिवेश बनने की वजह बता रहे हैं. कई विशेषज्ञ यह सवाल उठा रहे हैं कि पाकिस्‍तान ब्रिटिश शासन की तरह एक बार फिर से चीन का गुलाम न बन जाए. गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहा पाकिस्तान दिवालिया होने के कगार पर पहुंच गया है. बची-खुची पाकिस्तानी अर्थव्यवस्था की कमर कोरोना वायरस ने तोड़कर रख दी है. कंगाली की दहलीज पर खड़े पाकिस्तान ने अपनी अर्थव्यवस्था को चलाने के लिए फिर से 1.2 बिलियन डॉलर का नया कर्ज लिया है. कर्ज की इस नई राशि के साथ चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में पाकिस्तान अब तक 5.7 अरब डॉलर का नया कर्ज ले चुका है. इसे भी पढ़ें -सेंसेक्स">https://lagatar.in/sensex-closed-down-531-points-nifty-also-rolled-133-points/20758/">सेंसेक्स

531 अंकों की गिरावट के साथ बंद, निफ्टी भी 133 अंक लुढ़का

महंगे ब्याज दर पर ले रहा कर्ज

पाकिस्तान के आर्थिक मामलों के मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा कि वित्त वर्ष 2020-21 के जुलाई-दिसंबर के दौरान इमरान खान सरकार को कई वित्तपोषण स्रोतों से बाहरी कर्जों के रूप में 5.7 बिलियन डॉलर की राशि मिली है। दिसंबर में पाकिस्तान सरकार ने विदेशों से 1.2 बिलियन डॉलर प्राप्त किए, जिसमें वाणिज्यिक बैंकों से महंगे ब्याज पर ली गई 434 मिलियन डॉलर की राशि भी शामिल है।

सऊदी और यूएई ने वापस मांगा अपना कर्ज

पाकिस्तान में हालात यहां तक पहुंच गए हैं कि सरकारी कर्मचारियों को तनख्वाह देने के लिए भी पैसों के लाले पड़ रहे हैं. पाकिस्तान का सबसे बड़ा कर्जदाता सऊदी अरब और यूएई अपने कई बिलियन डॉलर के कर्ज को वापस मांग रहे हैं. वहीं, पाकिस्तान का जिगरी दोस्त चीन भी अब पाकिस्तान को कर्ज देने में टालमटोल कर रहा है.

पिछली सरकार पर दोष मढ़ रहे इमरान खान

प्रधानमंत्री इमरान खान ढाई साल सरकार चलाने के बाद भी देश के खस्ता आर्थिक हालात के लिए पिछली सरकारों को जिम्मेदार बता रहे हैं, जबकि इमरान खान सरकार की लचर आर्थिक सुधारों के चलते साल 2020  के अंत तक पाकिस्तान का कुल कर्ज 11.5 फीसदी सालाना की दर से बढ़कर 35.8 ट्रिलियन रुपये तक पहुंच गया है, जिसके बाद खुद की गलतियों के पिछली सरकारों पर डालते हुए पाकिस्तानी वित्त मंत्रालय ने कहा कि पिछली सरकार की गलत आर्थिक नीतियों के कारण देश को अत्याधिक विनिमय दर और अत्यधिक उधारी का सामना करना पड़ रहा है. इसे भी पढ़ें -अंबानी,">https://lagatar.in/ambani-adani-poonawala-azim-premji-and-mittal-became-more-wealthy-by-the-way-of-the-poor-oxfam/20737/">अंबानी,

अडाणी, पूनावाला, अजीम प्रेमजी व मित्तल हुए और अमीर, गरीब वैसे के वैसे: Oxfam

Comments

Leave a Comment

Follow us on WhatsApp