Pakur : पाकुड़ (Pakur)– सदर अस्पताल पाकुड़ में भर्ती मरीजों को भगवान भरोसे रहना पड़त है. ऑपरेशन के बाद डॉक्टर जांच करने नहीं आते. नर्स के भरोसे मरीजों को रहना पड़ता है. अस्पताल में रेशमा खातून, तुलसी सरदार, जहांनारा खातून, मालती मुर्मू, कुलसुम बीबी समेत अन्य डिलीवरी कराने भर्ती हुई. सिजर के बाद बच्चे को जन्म दी. इन मरीजों का आरोप है कि डिलीवरी के एक सप्ताह गुजर चुके हैं. सिर्फ एक बार डॉक्टर मरीजों को देखने आए. उसके बाद डॉक्टर को नहीं देखा गया. मरीजों को नर्स के भरोसे छोड़ दिया गया है.
मरीजों का आरोप है कि नर्सों का भी व्यवहार ठीक नहीं है. किसी चीज की मांग करने पर झिल्लाती है. सीधे कहती है हमलोगों को किसी का डर नहीं है. जिसे शिकायत करनी है वहां करो. मरीजों ने अस्पताल के भोजन में गुणवत्ता की कमी का भी आरोप लगाया है. अस्पताल में बिजली की भी समस्या है. लाइन कटने के बाद जनरेटर स्टार्ट नहीं किया जाता. भीषण गर्मी में मरीज परेशान रहते हैं.
इस संबंध में पूछे जाने पर अस्पताल के उपाध्यक्ष डॉ. सुमित कुमार ने बताया कि यहां कुल 33 डॉक्टरों की जरूरत है. मात्र 6 डॉक्टरों के भरोसे अस्पताल चल रहा है. मरीजों की सुविधाओं का ख्याल अस्पताल में रखा जाता है. लाइन कटने के तुरंत वाद जनरेटर चालू की जाती है. वैसे मरीजों की असुविधाओं को दूर किया जाएगा.
जेएमएम जिलाध्यक्ष श्याम यादव ने अस्पताल में व्याप्त समस्याओं को लेकर सिविल सर्जन से मिलकर बातें रखी. उन्होंने समस्याओं के समाधान का आश्वासन दिया.
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