Pakur : जिले के हिरणपुर प्रखंड में रोजगार व जमीन सीमांकन की मांग को लेकर लोगों में काफी आक्रोश है. यह आक्रोश गुरुवार को उस समय दिखा, जब रैयतों व ग्रामीणों ने महारो स्थित लुतफुल हक के पत्थर खदान के समीप हंगामा किया. गांव में करीब चार घंटे तक तनाव की स्थिति बनी रहीं. ग्रामीणों ने पत्थर ढोने वाले पथ पर लाल झंडे का गाड़कर ढुलाई बाधित कर दी. ग्रामीणों का कहना है कि हाबु शेख का पत्थर खदान बंद होने से रोजगार की समस्या खड़ी हो गई है.
खदान का रास्ता हमलोगों का है. खदान का लीजधारक विकास चंद्रा था. लीज अवधि समाप्त होने के बाद खनन कार्य बंद हो गया. लीजधारक दौलत मोमिन भी लीज अवधि समाप्त होने पर काम बंद कर दिया है. खदान व पूरा जमीन हमलोगों का है. जब तक जमीन की मापी व सीमांकन नहीं होगा तब तक खनन कार्य बंद रहेगा.
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ग्रामीणों ने गाड़ा लाल झंडा
ग्रामीणों ने इसका विरोध करते सुबह करीब आठ बजे जमीन पर लाल झंडा का चुड़का गाड़ दिया. हालांकि बाद में जानकारी मिलने पर थाना प्रभारी मदन कुमार मौके पर पहुंचे. आक्रोशित ग्रामीणों व रैयतों को समझा-बुझाकर शांत कराया. दूसरी तरफ पांच जुलाई को महारो स्थित अनूप विश्वास का पत्थर खदान का लीज समाप्त हो गया है. जिस कारण खनन कार्य बंद है. दर्जनों मजदूर रोजगार विहीन हो गए हैं. सूत्रों के अनुसार इस मामले को तूल देने में दो खदान संचालकों की भूमिका है. थाना प्रभारी ने बताया कि मामले को शांत करा दिया गया है. पत्थर खदान चालू करने को कहा गया है. अशांति पैदा करने पर कार्रवाई की जाएगी.
दूसरी तरफ हिरणपुर प्रखंड के ही सीतपहाड़ी खनन क्षेत्र में भारी पैमाने पर अनियमितता बरती जा रही है. सड़क का अतिक्रमण कर खदान व क्रशर की घेराबंदी की गई है. कोटालपोखर-हिरणपुर सड़क का दायरा सिमटता जा रहा है. सीतपहाड़ी होकर गुजरी कोटालपोखर-हिरणपुर सड़क की दोनों किनारे मिट्टी व धूल गिराकर घेराबंदी की गई है. सड़क का दायरा कम होने से आवागमन में परेशानी हो रही है. विडंबना यह है कि क्रशर परिसर में बोर्ड भी नहीं लगाया गया है.
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