Sanjeet yadav
Palamu : जिले के सतबरवा थाना क्षेत्र के ट्रेनिंग स्कूल के फील्ड में 20 हजार क्विंटल से ज्यादा धान बारिश में भींग जाने से खराब हो गया है. राज्य सरकार और जिला प्रशासन की उदासीनता और लचर व्यवस्था के कारण यह स्थिति बनी है. किसानों से एफसीआई के द्वारा खरीदा गया और खुले आसमान के नीचे मैदान में रख दिया गया. बेमौसम आयी बारिश से 20 हजार क्विंटल से अधिक धान भींग जाने से बोरों में ही अंकुरित हो गई है.
ट्रेनिंग कॉलेज के टूटे-फूटे छात्रावास में भण्डारण किया गया था
आपको बता दें कि एफसीआई द्वारा संचालित धान क्रयकेंद्र में खुले आसमान के नीचे ट्रेनिंग कॉलेज के टूटे-फूटे छात्रावास में भण्डारण किया गया था. एफसीआई का अपना गोदाम नहीं होने के चलते ऐसा किया गया था. मापतौल करने और हटाने के कार्य में लगे मोटिया मजदूरों ने बताया कि करीब 20 हजार क्विंटल से अधिक धान बारिश में भींग जाने के कारण खराब हो गया है.
अपना गोदाम होता तब धान को भींगने से बचाया जा सकता था
एफसीआई के गोदाम प्रबंधक श्यामलाल उरांव ने धान भींग जाने की पुष्टी की है. उन्होंने कहा कि अनाज रखने का अपना गोदाम होता तब धान को भींगने से बचाया जा सकता था. धान उठाव में देरी भी धान भींगने का कारण बना. धान भींग जाने से करोड़ों का नुकसान राज्य सरकार को हुआ है.
बोरे में भींगा धान अंकुरित भी हो गया है
भाजपा नेता आशीष सिन्हा ने बताया कि धान क्रयकेंद्र का धान खुले आसमान के नीचे पांच माह से रखा गया है. सैकड़ों बोरों में भींगा धान अंकुरित भी हो गया है. धान बोरा के नीचे से एक दो फिट का धान बिचड़ा बन गया और अंकुरित होकर जमीन से बाहर निकल आया है. वहां पर जलजमाव की स्थिति बनी हुई है. राज्य सरकार का अपना गोदाम होता तो करोड़ों रुपए का नुकसान होने से बचाया जा सकता था.