Exclusive Story/Sanjeet Yadav
Palamu: पलामू पुलिस नक्सल प्रभावित इलाकों में बरसात में भी नक्सलियों से लोहा लेने को तैयार है. एक तरफ पलामू में नक्सली बरसात का फायदा उठाकर अपने संगठन का विस्तार करने में जुट गए हैं, वहीं दूसरी ओर पलामू पुलिस के जवान उनके इरादों पर पानी फेरने के लिए बरसात में भी जंगल में नक्सलियों से लड़ने के लिए तैयार हैं.
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जंगल में सांप का खतरा रहता है
बता दें कि पलामू में बरसात में नक्सलियों के खिलाफ पुलिस को लड़ना आसान नहीं होता है. यह लड़ाई अब वैसे इलाकों में होगा, जहां पुलिस के लिए पहुंचना काफी मुश्किल है. इसके पीछे वजह है कि बरसात के चलते नक्सली जंगल में अपने सबसे सुरक्षित ठिकानों में चले जाते हैं. बताया जाता है कि नक्सलियों ने उन सुरक्षित इलाकों को बचाने के लिए मनातू, बकोरिया, मनिका, पाकी, बूढ़ापहाड़ और गारू में जबर्दस्त घेराबंदी की है. जबकि लागतर बारिश से जंगलों में सांप, बिच्छू और अन्य जीवों का खतरा रहता है. इससे पुलिस को नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन करना मुश्किल हो जाता है.
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जवानों को तड़ित चालक दिया जाता है
बता दें कि जवानों को वज्रपात से बचने के लिए तड़ित चालक दिया गया है. लेकिन जंगल में वह भी काम नहीं करता है. जवान नक्सलियों की गोली से जितना नहीं डरते हैं उससे ज्यादा सांप बिच्छू से डरते हैं. पिछले साल ही पलामू में वज्रपात से 5 कोबरा जवान बुरी तरह से जख्मी हो गए थे. इसी तरह कुछ साल पहले जवान सांप, बिच्छू और मच्छर का भी शिकार हो चुके हैं.
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जवानों को मच्छरदानी दिया जाता है
पलामू एसपी संजीव कुमार ने लगातार मीडिया को बताया कि बरसात में नक्सलियों से निपटने के लिए पलामू पुलिस को दोहरी लड़ाई लड़नी पड़ती है. इससे जवानों पर खतरा बढ़ जाता है. एसपी ने बताया कि बरसात के मौसम में सांप, बिच्छू और अन्य जानवरों से निपटने के लिए पुलिस जवानों को स्पेशल टीम द्वारा ट्रेनिंग दी जारी है. जवानों को जंगलों में होने वाली समस्या से निपटने के लिए मेडिकल किट और मच्छरदानी जैसे उपकरण उपलब्ध कराये गये हैं ताकि वे हर परिस्थिति का सामना कर सकें.
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