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पांकी : सूख गई अमानत नदी, गहराने लगा जल संकट

मार्च में ही सूख गई पांकी की लाइफ लाइन अमानत नदी नदी के सूखने से लगभग 4 महीने वाटर सप्लाई हो सकती है बंद Shivshankar Panki, Palamu: पांकी प्रखंड की लाइफ लाइन अमानत नदी मध्य मार्च में ही सूख गयी है. इसके किनारे रहने वाले ढाई लाख की आबादी के सामने पेयजल संकट गहराने लगा है. इसके चलते नल जल योजना से पानी सप्लाई प्रभावित अभी से प्रभावित होनी शुरू हो गयी है. अप्रैल-मई के भीषण गर्मी में जल संकट आसार बढ़ने की आशंका है. ऐसी स्थिति में पांकी के करीब पानी नहीं मिलने पर 10 पंचायत के 48 गांव लाखों की आबादी पानी के लिए तरसेगी. फिलहाल अमानत नदी सूखने से लगभग 4 महीने नल जल योजना से पानी सप्लाई प्रभावित हो सकती है, इसे भी पढ़ें-रांचीः28">https://lagatar.in/ranchi-special-arrangements-for-28-thousand-85-and-23-thousand-disabled-voters-this-work-will-have-to-be-done/">रांचीः28

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पांकी बराज बना सफेद हाथी

पांकी प्रखंड के लगभग 50 गांवों के किसानों को फायदा पहुंचाने और इलाके के जलस्तर को बनाये रखने के उद्देश्य से अमानत बराज की आधारशिला रखी गई थी. वर्ष 2001 में 34 करोड़ की लागत से बननेवाली इस परियोजना की आधारशिला झारखंड के पहले मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने रखी थी. बराज के निर्माण से पांकी के लगभग 50 गांवों को फायदा होता. साथ ही केनाल द्वारा पांकी, तरहसी, मनातू, पाटन क्षेत्र से बिहार में पानी ले जाना था. मगर केनाल निर्माण क्षेत्र में कुछ जमीन वन विभाग का पड़ता था, वहां से हरी झंडी नहीं मिलने के कारण योजना अधूरा रह गया. विभाग द्वारा बनाए गए सरकारी आवास व ऑफिस बेकार पड़े हैं. 1980 के दशक में करोड़ों रुपये की लागत से बनाई गई औरंगा जलाशय परियोजना भी आज धूल भांक रहा है. पांकी बराज के कैनाल निर्माण लंबित होने के कारण किसानों के खेतों तक सिंचाई का पानी नहीं पहुंच पाया, इसका मलाल पांकीवासियों को है. इसे भी पढ़ें-चांडिल">https://lagatar.in/chandil-the-havoc-of-speed-took-the-lives-of-four-bodies-were-taken-out-with-a-crane/">चांडिल

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