Ranchi : झारखंड अभिभावक संघ की ओर से निजी स्कूलों की मनमानी और सरकार की चुप्पी के खिलाफ सात दिनों का अभियान चलाया जा रहा है. यह अभियान “सात वार-सात गुहार” के नाम से चल रहा है. अभियान के छठे दिन संघ ने मंगलवार को सोशल मीडिया के जरिये अपना रोष जताया. इसके तहत ट्विटर, फेसबुक, यूट्यूब के माध्यम से निजी स्कूल प्रबंधन के शोषण की जानकारी दी गई.
अभिभावकों ने अपने-अपने घरों से ही पोस्टरों के माध्यम से मौन प्रदर्शन किया. अभिभावकों ने सीएम को टैग कर “वॉयस अगेंस्ट स्कूल फी” ट्वीट-रिट्वीट कर अपनी मांगों के प्रति सरकार का ध्यान आकर्षित करते हुए हस्तक्षेप की मांग की. इस दौरान वॉयस अगेंस्ट स्कूल फीस ट्रस्ट द्वारा अभिभावक हित में चलाए जा रहे आंदोलन के क्रम में निजी स्कूलों के शोषण के बारे में लोगों को जागरूक किया.
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फीस के लिए किया जा रहा प्रताड़ित
सोशल मीडिया के माध्यम से अभिभावकों ने कहा कि फीस के अभाव में ऑनलाइन क्लास से वंचित किया जा रहा है. निजी स्कूल इस तरह से छात्रों को प्रताड़ित करना बंद करें. साथ ही मांग की गयी कि संबद्धता प्राप्त निजी स्कूलों की मनमानी पर सरकार जल्द नकेल कसे. साथ ही झारखंड शिक्षा न्यायाधिकरण संशोधन अधिनियम 2017 को पूर्णतया पारदर्शी तरीके से लागू करने और शिक्षण के अनुपात में ही शिक्षण शुल्क का निर्धारण करने की भी मांग की.
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सरकार प्राइवेट स्कूलों के दबाव में कर रही काम, राज्यपाल से लगाएंगे गुहार
संघ के अध्यक्ष ने कहा कि राज्य सरकार प्राइवेट स्कूलों के दबाव में काम कर रही है. राज्य सरकार अभिभावकों की परेशानियों की अनदेखी कर रही है. मगर अब अभिभावक चुपचाप बैठने वाले नहीं हैं. झारखंड सरकार राज्य के बच्चों और अभिभावकों की परेशानी के मामले में कुंभकर्णी नींद में सो गयी है, जिसे संघ जगाएगा. संघ के अध्यक्ष अजय राय ने बताया कि “सात वार सात गुहार” कार्यक्रम के तहत सातवें दिन यानी सात जुलाई को संघ की ओर से राज्यपाल को पोस्टकार्ड भेजकर हस्तक्षेप की मांग की जाएगी.