patmada : दिल्ली से सीधा पटमदा सीएचसी पहुंची टीम ने जिले के अतिप्रभावित फाइलेरिया जॉन के रूप में पटमदा प्रखंड के कुमीर और बोड़ाम प्रखंड के कुइयाईनी पंचायत को चिन्हित किया. जिसका स्थल निरीक्षण करने के लिए शुक्रवार को पहुंची टीम ने एसीएमआर के डॉ. होती ने राज्य और जिला टीम के साथ पटमदा सीएचसी में बैठक कर क्षेत्र में फाइलेरिया और हेइड्रोसिल प्रभावित क्षेत्रों के विषय में जानकारी ली. इस टीम में आईसीएमआर के डॉ. एसएल होती, विश्व स्वास्थ्य संगठन से डॉ. मनोज, संयुक्त निर्देशक डॉ. विनय गर्ग, डॉ. अमरेश पथ, राज्य कीट विज्ञानशास्त्री सग्या सिंह, आईईसी से प्रवीन कुमार, एमआई स्टेट से सुनील कुमार, भीबीडी जिला पदाधिकारी डॉ. समीर कुमार, श्रवण कुमार, गीतांजलि शर्मा, केयर इंडिया के सदस्य शामिल थे.
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वास्तविक स्थिति से अवगत हुई टीम
जानकारी देते हुए आईसीएमआर के डॉ. एसएल होती ने बताया की एक रिपोर्ट में मिली जानकारी से राज्य में पूर्वी सिंहभूम जिले के पटमदा के कुमीर और बोड़ाम के कुइयाईनी में सबसे अधिक संख्या में हाथी पाव और हेइड्रोसिल के मरीज की पुष्टि हुई हैं. इस रिपोर्ट के आधार पर ज्वाइंट मॉनिटरिंग मिशन के तहत विश्व स्वास्थ्य संगठन और भारत सरकार की एक संयुक्त टीम फाइलेरिया उन्मूलन के समाधान को तरासने के उद्देश्य से पटमदा सीएचसी पहुंचकर स्टेट टीम और जिला टीम के साथ बैठक कर इस समस्या निवारण को लेकर चर्चा की गई. उन्होंने बताया कि 2030 तक उन्मूलन का लक्ष्य सेंट्रल ने दिया है. इसका सर्वे करवाकर 25 नवंबर तक सेंट्रल को रिपोर्ट सौंपी जाएगी. इस दौरान टीम कुमीर गांव और कुइयाइनी गांव पहुंचकर आम जनता से पूछताछ कर वास्तविक स्थिति से अवगत हुई.
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लोगों को सावधानियों के विषय में दी गई जानकारी
इस दौरान टीम ने मरीज पुटी वाला महतो से पूछताछ कर जानकारी प्राप्त कर उन्हें रख रखाव के नियम और सावधानियों के विषय में जानकारी दी. पंचायत के मुखिया दीपक कोड़ा ने टीम से फाइलेरिया उन्मूलन को गंभीरता से लेते हुए समय-समय पर डीटीटी छीड़काव करवाने की मांग की. ग्राम प्रधान मृत्युंजय महतो ने बताया की ग्रामीण क्षेत्र में इस समस्या के समाधान के लिए जागरुकता आवश्यक है. इसके लिए ग्राम प्रधान, मुखिया सहित विभागीय टीम लोगों के बीच पहुंचकर जागरूक करे. इस दौरान टीम के द्वारा स्वास्थ्य सहिया कल्पना महतो से रोग के फैलने के कारण ,इसके समाधान और जागरूकता के साथ एक मरीज को किस प्रकार से सलाह देकर जागरूक करेंगे ,इस विषय में उनसे पूछा गया. वहीं कई अन्य सहिया साथी से भी जानकारी ली गई. टीम ने फाइलेरिया पनपने का मुख्य कारण बताया की जलजमाव वाले क्षेत्र से उत्पन्न मच्छर ही फाइलेरिया को फैलाते हैं.
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