NewDelhi : पेगासस जासूसी मामले में ह्यूमन राइट्स ग्रुप एमनेस्टी इंटरनेशनल की सफाई सामने आयी है. एमनेस्टी द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि उसने कभी नहीं कहा है कि हाल ही में जारी लिस्ट को NSO ग्रुप के पेगासस स्पाइवेयर से टारगेट किया गया था.
बुधवार 21 जुलाई को एमनेस्टी ने बयान जारी करते हुए कहा कि 50,000 फोन नंबरों की सूची पेगासस जासूसी सॉफ़्टवेयर बनाने वाली एनएसओ से सीधे संबंधित नहीं है. एमनेस्टी ने स्पष्ट करते हुए कहा है कि उसने कभी नहीं कहा कि जिन नंबरों की लिस्ट उसने जारी की है, उनकी जासूसी हुई है.
Amnesty says it never claimed list was NSO: "Amnesty International has never presented this list as a 'NSO Pegasus Spyware List', although some of the world's media may have done so..list indicative of the interests of the company's clients" https://t.co/51U72HI9yF
h/t @ersincmt— Kim Zetter (@KimZetter) July 21, 2021
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वह टारगेट नहीं थे बल्कि संभावित टारगेट हो सकते थे
एमनेस्टी के अनुसार ऐसा दावा कुछ मीडिया संस्थानो ने किया है और यह उनका दावा नहीं है. एमनेस्टी अब कह रहा है कि पेगासस फोन नंबरों की सूची सम्भावित ग्राहकों की लिस्ट भी हो सकती है, जिनकी जासूसी कराने में विभिन्न देशों की खुफिया एजेंसियों को दिलचस्पी हो सकती थी. कहा कि सूची सीधे तौर पर एनएसओ से संबंधित नहीं है.
एमनेस्टी इंटरनेशनल ने कहा कि जो लिस्ट सामने आयी है, वह टारगेट नहीं थे बल्कि संभावित टारगेट हो सकते थे. कहा कि एमनेस्टी द्वारा साफ किया जाता है कि जो लिस्ट सामने आयी है वह संभावित टारगेट हो सकते हैं. यानी वो नाम जिन्हें टारगेट किया जा सकता है. एमनेस्टी के अनुसार पूरी लिस्ट में कुछ ही ऐसे लोग थे, जिनपर नजर रखी गयी थी. अन्य के मामले में कन्फर्म नहीं किया जा सकता.
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विश्व भर के करीब 50 हजार फोन हैक किये जाने का दावा
जान लें कि कई अंतरराष्ट्रीय मीडिया कंपनियों, फॉरबिडन स्टोरी और एमनेस्टी इंटरनेशनल द्वारा हाल ही में एक रिपोर्ट प्रकाशित की गयी थी,जिसमें दावा किया गया कि विश्व भर के करीब 50 हजार फोन हैक किये गये थे. इनमें पत्रकार, नेता, मंत्री, एक्टिविस्ट शामिल थे. फोन हैकिंग के लिए इजरायल की कंपनी एनएसओ ग्रुप के पेगासस सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल हुआ.
विपक्ष मोदी सरकार पर हमलावर है
भारत में इस खुलासे को लेकर संसद से लेकर सड़क तक जमकर बवाल हो रहा है, विपक्ष मोदी सरकार पर हमलावर है. लिस्ट में करीब तीन सौ लोग भारत के थे, जिनमें राहुल गांधी, प्रशांत किशोर समेत कई विपक्षी नेता, चालीस से अधिक पत्रकार, मंत्री और अन्य हस्तियों को टारगेट किया गया था.
रिपोर्ट्स को लेकर एनएसओ ग्रुप ने पहले हीसफाई दे चुका है कि वह सिर्फ सरकारों को ये सॉफ्टवेयर मुहैया कराता है, ना कि किसी प्राइवेट प्लेयर को. एनएसओ ग्रुप ने भी इन रिपोर्ट्स को गलत बताया था. बदलते घटनाक्रम के बीच इस मामले में फ्रांस सहित इजरायल में जांच जारी है.
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