NewDelhi : कांग्रेस नेता शशि थरूर की अध्यक्षता वाली आईटी मामलों की संसदीय समिति द्वारा पेगासस जासूसी मामले में इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय, गृह मंत्रालय और दूरसंचार मंत्रालय को जवाब-सवाल के लिए तलब किये जाने की खबर है.
समिति ने इन मंत्रालयों के जिम्मेदार अधिकारियों को 28 जुलाई को समिति के समक्ष पेश होने को कहा है. सूत्रों के अनुसार पैनल की अधिसूचना में कहा गया है कि नागरिक डेटा सुरक्षा और गोपनीयता विषय पर इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय, गृह मंत्रालय और संचार मंत्रालय के प्रतिनिधियों से चर्चा करेगी.
If Modi Government Isn't Snooping on Us, Who Else Unleashed Pegasus?
NSO only sells Pegasus to governments & Modi govt denies deploying it. Let's find out who is snooping on us.https://t.co/8t7IlZw2IQ— Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) July 19, 2021
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राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंता का विषय
बता दें कि पेगासस मामले को लेकर शशि थरूर ने ट्वीट किया था कि यह साबित हो गया है कि भारत में जांचे गये फोन में पेगासस का अटैक था, क्योंकि यह उत्पाद केवल सरकार को बेचा जाता है. सवाल उठता है कि कौन सी सरकार? अगर भारत सरकार कहती है कि उन्होंने ऐसा नहीं किया, किसी और सरकार ने किया, तो यह राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंता का विषय है.
भारत सरकार को स्पष्टीकरण देने की आवश्यकता है
थरूर ने कहा कि यदि यह पता चलता है कि यह हमारी सरकार है और यह (ऐसा करने के लिए) अधिकृत है, तो भारत सरकार को स्पष्टीकरण देने की आवश्यकता है क्योंकि कानून केवल राष्ट्रीय सुरक्षा, आतंकवाद के मुद्दे के लिए कम्यूनिकेशन के जरिेए रोक की अनुमति देता है. यह अवैध है. कहा कि यह पहली बार नहीं है जब पैनल ने इजरायली स्पाइवेयर का मुद्दा उठाया है. 2019 में, व्हाट्सएप की कमजोरियां सामने आने के बाद, पैनल ने संबंधित विभागों से इस मुद्दे के बारे में सुना था.
बता दें कि एक अंतरराष्ट्रीय मीडिया संघ ने रविवार को भंडाफोड़ कि. था कि भारत में कई कारोबारियों व कार्यकर्ताओं के साथ दो मंत्रियों, 40 से ज्यादा पत्रकारों, विपक्ष के तीन नेताओं और एक मौजूदा न्यायाधीश समेत 300 से ज्यादा सत्यापित मोबाइल फोन नंबरों की इजरायली स्पाईवेयर पेगासस के जरिए हैकिंग की कोशिश की गयी.