Annie Marandi, Jyoti Kumari
Ranchi: रांची की आबोहवा दीवाली के मौके पर खराब नहीं हो, इसके लिए सरकारी स्तर पर प्रयास किये जा रहे हैं. झारखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने इस बार रांची में केवल ग्रीन पटाखा बेचने और चलाने की अनुमति दी है. पटाखा चलाने के लिए रात आठ से दस बजे तक का समय भी निर्धारित कर दिया है. ग्रीन पटाखा को लेकर ग्राहक और दुकानदार दोनों असमंजस में हैं. ग्राहकों को ग्रीन पटाखों की पहचान नहीं है. दुकानदार इसका फायदा उठा रहे हैं और लोगों को सामान्य पटाखा को भी ग्रीन बता कर बेच रहे हैं या फिर ग्रीन पटाखा के नाम पर अधिक पैसे वसूल रहे हैं.
देखने में सामान्य जैसा है ग्रीन पटाखा
ग्रीन और सामान्य पटाखा में कोई अंतर नहीं दिखता है. दोनों ही तरह के पटाखे एक ही तरह के दिखते हैं. ग्राहकों के लिए इसे पहचानना मुश्किल है. उन्हें दुकानदारों की बात पर ही विश्वास करना पड़ता है. पटाखा जयपाल सिंह स्टेडियम में बेचा जा रहा है. यहां पटाखा खरीदने आए तपन राउत ने कहा कि ग्रीन और सामान्य पटाखा में क्या अंतर है, यह जानकारी नहीं है. पटाखा को देखने से भी अंतर पता नहीं चलता है. दुकानदार ही बता रहे हैं कि कौन सा ग्रीन पटाखा है.
दुकानदारों को कमाई की चिंता
कई दुकानदारों ने कहा कि पिछले वर्ष के मुकाबले इस बार कमाई कम हो गई है. कोराना संकट के कारण कम ग्राहक आ रहे हैं. साथ ही सरकार ने भी अचानक दीपावली से दो दिन पहले ग्रीन पटाखा का आदेश जारी कर संकट में डाल दिया है. पहले कम मात्रा में ग्रीन पटाखा मंगाया था, ज्यादातर सामान्य पटाखा ही थे. अब सामान्य पटाखा बेचना मुश्किल हो गया. हमारे पैसे फंसे गये हैं.
जयपाल सिंह स्टेडियम में पटाखा बेचनेवाले रघुवीर रुंगटा ने कहा कि पिछले साल के मुकाबले कम ग्राहक आये हैं. रघुवीर को ग्रीन पटाखे के बारे में भी अधिक जानकारी नहीं थी, लेकिन दावा किया कि उनकी दुकान में ग्रीन पटाखे ही बेचे जा रहे हैं.
कोविड जांच की भी व्यवस्था
जयपाल सिंह स्टेडियम में लगाये गये पटाखे की दुकान में सुरक्षा की पूरी व्यवस्था की गई है. लोगों को सेनिटाइजर और मास्क के साथ आने की सलाह दी जा रही है. जो ग्राहक बिना मास्क के पहुंच रहे हैं, उन्हें मुफ्त में मास्क भी दिया जा रहा है. इसके अलावा सरकार ने यहां पर कोविड जांच की भी विशेष व्यवस्था की है. जो व्यक्ति कोविड जांच कराना चाहते हैं वह यहां जांच करा सकते है.
क्या है ग्रीन पटाखे?
ग्रीन पटाखों में बेरियम नाइट्रेट का इस्तेमाल नहीं किया जाता है और एलुमिनियम भी ज्यादा इस्तेमाल नहीं किया जाता है
बाकी पटाखों के मुकाबले यह 30 से 35% कम प्रदूषण फैलाता है
ग्रीन पटाखों में आवाज भी कम होती है