DHANBAD : कोयलांचल में उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही चार दिनों तक चलने वाला छठ महापर्व का समापन हो गया. धनबाद के सभी तालाब, नदी और कई इलाकों में घरों की छतों पर लोगों ने उदयीमान सूर्य को अर्घ्य अर्पित कर स्वास्थ्य और समृद्धि की कामना की.
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पारण से होती है मनोकामना पूर्ण
छठ के आखिरी दिन को पारण भी कहा जाता हैं. छठ पूजा में पारण का विशेष महत्व है. मान्यता है कि विधि पूर्वक छठ पूजा का पारण करने से सभी प्रकार की मनोकामना पूर्ण होती है.
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पारण कर होता है छठ पूजा का समापन
बता दे कि आज के दिन छठ पूजा में उगते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है. सूर्य को अर्घ्य देना बहुत ही शुभ माना गया है. छठ का पर्व चार दिनों तक मनाया जाता है. छठ पर्व का प्रथम दिन नहाय-खाय का होता है. छठ का दूसरा दिन खरना, छठ के तीसरे दिन डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है और छठ के चौथे दिन यानि अंतिम दिन उगते हुए सूर्य भगवान को जल दिया जाता है.
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