Ranchi: झारखंड हाईकोर्ट ने उस याचिका को निष्पादित कर दिया है, जिसमें राज्य के दिव्यांग जनों को घर-घर जाकर वैक्सीन देने की सुविधा बहाल करने की मांग की गयी थी. अदालत में राज्य सरकार ने बताया कि राज्यभर के वैक्सीन सेंटरों पर दिव्यांगजनों के लिए स्पेशल लाइन लगाकर उन्हें जल्द वैक्सीन दिए जाने की व्यवस्था की जाएगी. राज्य सरकार के जवाब पर अदालत ने संतुष्टि जताते हुए इस याचिका को निष्पादित कर दिया.
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दिव्यांगजनों को वैक्सीनेशन में करना पड़ रहा है परेशानी का सामना
दरअसल राज्य में दिव्यांगजनों को वैक्सीनेशन में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. इसको लेकर झारखंड विकलांग मंच के अध्यक्ष अरुण कुमार सिंह ने झारखंड उच्च न्यायालय में गुहार लगाते हुए जनहित याचिका दायर की थी. याचिका में विकलांग जनों को प्राथमिकता एवं सुगमता के आधार पर कोरोना से बचाव के लिए वैक्सीन देने की गुहार लगाई गई थी. अरुण कुमार सिंह की ओर से अधिवक्ता अनूप कुमार अग्रवाल ने याचिका दायर की थी.याचिकाकर्ता के अधिवक्ता अनूप कुमार अग्रवाल ने हाईकोर्ट से आग्रह किया था कि शीघ्र इस मामले पर सुनवाई किया जाए.
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वैक्सीन देने में विकलांगों को प्राथमिकता देने की मांग
हाईकोर्ट में दायर जनहित याचिका में ने कहा गया था कि 18 वर्ष से ऊपर के व्यक्तियों के लिए चल रहे वैक्सीन अभियान में विकलांग जनों को प्राथमिकता नहीं दी जा रही है. वैक्सीन ऐप पर रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया हमारे दृष्टिबाधित साथियों के लिए जटिल है. याचिका में कोट से गुहार लगाई गई है कि वैक्सीनेशन सेंटर पूर्णत: बाधारहित हो, जहां पर विकलांग व्यक्ति आसानी से पहुंच सकें. वैक्सीन ऐप को सर्व सुगम बनाया जाए, ताकि दृष्टिबाधित व्यक्ति भी उपयोग कर सकें. किसी संस्थान या लेप्रोसी कॉलोनी में रहने वाले विकलांग जनों को उनके केंद्र पर ही जाकर वैक्सीन देने की व्यवस्था की जाए. गंभीर अवस्था और हाई सपोर्ट नीड वाले विकलांग जनों को उनके घर पर ही वैक्सीन देने की व्यवस्था की जाय. राज्य सरकार की तरफ से अधिवक्ता पीयूष चित्रेश ने हाईकोर्ट के पक्ष रखा.