NewDelhi : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार (पीएमआरबीपी) विजेताओं से मिले. कार्यक्रम में केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी और राज्य मंत्री डॉ मुंजपारा महेंद्रभाई भी मौजूद थे. जान लें कि बच्चे अपने परिजनों के साथ अपने जिले के मजिस्ट्रेट के साथ जिला मुख्यालय से जुड़े. बता दें कि PMRBP के तहत पुरस्कार विजेता को एक पदक, एक लाख रुपये का नकद पुरस्कार और प्रमाण पत्र दिये जाते हैं. प्रधानमंत्री ने ब्लॉकचैन प्रौद्योगिकी के उपयोग के जरिये वर्ष 2021 और 2022 के प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार विजेताओं को डिजिटल प्रमाणपत्र प्रदान किये.
इस अवसर पर पीएम मोदी ने कहा, आपको आज ये जो अवार्ड मिला है, ये एक और वजह से बहुत खास है. यह वजह है, इन पुरस्कारों का अवसर! देश इस समय अपनी आज़ादी के 75 साल का पर्व मना रहा है. आपको ये अवार्ड इस महत्वपूर्ण कालखंड में मिला है. पीएम ने कहा, आप सबसे बातचीत कर बहुत अच्छा लगा. आपके अनुभवों के बारे में भी जानने को मिला. कहा कि कला, संस्कृति से लेकर वीरता, शिक्षा से लेकर innovation, समाज सेवा और खेल जैसे अनेक क्षेत्रों में आपकी असाधारण उपलब्धियों के लिये आपको अवार्ड मिले हैं.
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अवार्ड से आपको बहुत बड़ी जिम्मेदार मिली है
पीएम ने कहा कि इस अवार्ड के साथ आपको बहुत बड़ी जिम्मेदारी मिली है. अब दोस्तों की, परिवार की, समाज की हर किसी की आपसे अपेक्षाएं भी बढ़ गयी हैं. इन अपेक्षाओं का आपको दबाव नहीं लेना है, इनसे प्रेरणा लेनी है. यह अवार्ड एक बहुत बड़ी स्पर्धा के बाद आपको मिले हैं, देश के हर कोने से बच्चे आगे आये हैं, उसमें से आपका नंबर लगा है. मतलब अवार्ड पाने वालों की संख्या भले ही कम है, लेकिन इस प्रकार से होनहार बालकों की संख्या हमारे देश में अपरम्पार है.
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नेताजी से हमें सबसे बड़ी प्रेरणा मिलती है
इस क्रम में मोदी ने कहा, कल दिल्ली में इंडिया गेट के पास नेताजी सुभाषचंद्र बोस की डिजिटल प्रतिमा भी स्थापित की गयी है. नेताजी से हमें सबसे बड़ी प्रेरणा मिलती है- कर्तव्य की, राष्ट्रप्रथम की. नेताजी से प्रेरणा लेकर आपको देश के लिए अपने कर्तव्यपथ पर आगे बढ़ना है. मोदी ने कहा, हमारे भारत का एक और उदाहरण है गुरु गोविन्द सिंह जी के बेटों का शौर्य और बलिदान! साहिबज़ादों ने जब असीम वीरता के साथ बलिदान दिया था तब उनकी उम्र बहुत कम थी. भारत की सभ्यता, संस्कृति, आस्था और धर्म के लिए उनका बलिदान अतुलनीय है.
आज देश के सामने स्टार्टअप इंडिया जैसे मिशन हैं, स्टैंड अप इंडिया जैसे कार्यक्रम चल रहे हैं, डिजिटल इंडिया का इतना बड़ा अभियान हमारे सामने है, मेक इन इंडिया को गति दी जा रही है, आत्मनिर्भर भारत का जनांदोलन देश ने शुरू किया है। हमारी आजादी के 75 साल इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि आज हमारे सामने अपने अतीत पर गर्व करने का, उससे ऊर्जा लेने का समय है. ये समय वर्तमान के संकल्पों को पूरा करने का है.
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5 वर्ष से 18 वर्ष तक के बच्चों को दिये जाते हैं बाल पुरस्कार
प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार भारत में रहने वाले 5 वर्ष से अधिक और 18 वर्ष तक (संबंधित वर्ष के 31 अगस्त को) के बच्चों को एक मान्यता के तौर पर दी जाती है जिन्होंने नवाचार, शैक्षिक उपलब्धि, खेल, कला एवं संस्कृति, समाज सेवा और बहादुरी जैसे 6 क्षेत्रों में असाधारण क्षमता और उत्कृष्ट उपलब्धि हासिल की हो। प्रत्येक पुरस्कार विजेता को एक पदक, 1,00,000/- रुपये का नकद पुरस्कार और एक प्रमाण-पत्र दिया जाता है.
कोरोना के चलते परेड में शामिल नहीं होंगे
बाल पुरस्कार राष्ट्रपति भवन में एक समारोह में राष्ट्रपति द्वारा प्रदान किये जाते हैं।. प्रधानमंत्री हर साल इन पुरस्कार विजेताओं के साथ बातचीत भी करते हैं. पीएमआरबीपी के विजेता हर साल गणतंत्र दिवस परेड में भी हिस्सा लेते हैं. हालांकि, देश में कोविड-19 की स्थिति को देखते हुए इस वर्ष दिल्ली में पुरस्कार समारोह आयोजित करना संभव नहीं हो सका है.