NewDelhi : दिल्ली के प्रगति मैदान में आज बुधवार को सुबह 11 बजे पीएम गतिशक्ति लॉन्च इवेंट का आयोजन किया गया. इस अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी ने पीएम गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान का शुभारंभ किया. कहा गया है कि देश के इन्फ्रास्ट्रक्चर के विकास के लिए 100 लाख करोड़ रुपये की इस गतिशक्ति योजना से लाखों रोजगार के अवसर पैदा होंगे. इस योजना को प्रधानमंत्री मोदी के आत्मनिर्भर भारत की दृष्टि का एक महत्वपूर्ण हिस्सा करार दिया गया है.
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हम अगले 25 वर्षों के लिए नींव रख रहे हैं
जान लें कि इस प्लान का मकसद महत्वाकांक्षी रूप से 1.5 ट्रिलियन डॉलर की राष्ट्रीय इन्फ्रास्ट्रक्चर पाइपलाइन के तहत परियोजनाओं को अधिक शक्ति व गति देने और 5 ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था प्राप्त करने के लक्ष्य को बढ़ावा देना है. कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, हम अगले 25 वर्षों के लिए नींव रख रहे हैं. यह राष्ट्रीय मास्टर प्लान 21वीं सदी की विकास योजनाओं को गतिशक्ति देगा और इन योजनाओं को समय पर पूरा करने में मदद करेगा. बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी ने 15 अगस्त को गतिशक्ति योजना की घोषणा की थी. प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने कहा था कि गतिशक्ति परियोजना विभागीय रुकावटों को खत्म कर देगी और प्रमुख बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में हितधारकों के लिए समग्र योजना को संस्थागत रूप देगी.
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प्रधानमंत्री मोदी ने रिमोट बटन दबाकर योजना की शुरुआत
लॉन्चिंग इवेंट में मौजूद प्रधानमंत्री मोदी ने रिमोट बटन दबाकर योजना की शुरुआत करने से पहले गतिशक्ति मास्टर प्लान और प्रगति मैदान में नये प्रदर्शनी परिसर के मॉडल की समीक्षा की. महत्वाकांक्षी योजना में 16 केंद्रीय मंत्रालयों और विभागों द्वारा नियोजित और शुरू की गयी ढांचागत पहलों को एकजुट करने के लिए एक केंद्रीकृत पोर्टल की परिकल्पना की गयी है. पीएमओ के अनुसार गतिशक्ति परियोजना व्यापकता, प्राथमिकता, अनुकूलन, समकालीन और विश्लेषणात्मक तथा गतिशील होने के छह स्तंभों पर आधारित है. यह बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर पैदा करेगा, रसद लागत में कटौती करेगा, आपूर्ति श्रृंखला में सुधार करेगा और स्थानीय वस्तुओं को विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी बना देगा.
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समन्वय में सुधार के लिए उपाय किये गये हैं
पीएमओ ने भूमिगत केबल बिछाने, गैस पाइपलाइन जैसी गतिविधियों के लिए अन्य एजेंसियों द्वारा खोदी जा रही नव-निर्मित सड़कों का उदाहरण दिया. पीएमओ ने कहा, इससे न केवल बड़ी असुविधा होती है बल्कि यह एक फिजूलखर्ची भी है. साथ ही कहा कि समन्वय में सुधार के लिए उपाय किये गये हैं. इसके तहत अलग से योजना बनाने और डिजाइन करने के बजाय परियोजनाओं को अब एक सामान्य दृष्टि से डिजाइन और निष्पादित किया जायेगा और इसमें भारतमाला, सागरमाला और अंतरदेशीय जलमार्ग जैसे विभिन्न मंत्रालयों और राज्य सरकारों की बुनियादी ढांचा योजनाएं शामिल होंगी। पीएमओ ने कहा कि टेक्सटाइल क्लस्टर, फार्मास्युटिकल क्लस्टर, रक्षा गलियारा, इलेक्ट्रॉनिक पार्क, औद्योगिक गलियारा, फिशिंग क्लस्टर और एग्री जोन जैसे आर्थिक क्षेत्रों को कनेक्टिविटी में सुधार और भारतीय व्यवसायों को अधिक प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए कवर किया जायेगा.