बढ़ते दामों से निपटने के लिए निकाला जायेगा समाधान
बातचीत के दौरान भारत में हाइड्रोकार्बन क्षेत्र में खोज और उत्पादन को प्रोत्साहित करने, ऊर्जा आत्मनिर्भरता, गैस आधारित अर्थव्यवस्था, स्वच्छ और ऊर्जा कुशल समाधानों के जरिये उत्सर्जन में कमी, हरित हाइड्रोजन अर्थव्यवस्था और जैव ईंधन उत्पादन में बढ़ोतरी जैसे क्षेत्रों पर चर्चा होगी. साथ ही यह भी उम्मीद की जा रही है कि बैठक में पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दामों से निपटने के लिए कोई तरीका निकाला जा सकता है.
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तेल कंपनियों के साथ पीएम की छठी वार्षिक बातचीत
बता दें कि प्रधानमंत्री कार्यालय ने एक बयान में कहा था कि यह छठी वार्षिक बातचीत है, जिसकी शुरुआत 2016 में हुई थी. इस बैठक में तेल और गैस क्षेत्र के वैश्विक नेता शामिल होते हैं. जो इस क्षेत्र के प्रमुख मुद्दों और भारत के साथ सहयोग तथा निवेश के संभावित क्षेत्रों का पता लगाने के लिए विचार-विमर्श करते हैं.
पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी भी होंगे बातचीत में शामिल
प्रधानमंत्री के साथ होने वाली इस बेहद महत्वपूर्ण बैठक में बहुराष्ट्रीय निगमों एवं शीर्ष अंतरराष्ट्रीय संगठनों के सीईओ और विशेषज्ञ इस चर्चा में शामिल हो रहे हैं. साथ ही केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी भी इस बातचीत में शामिल होंगे.
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ब्रेंट क्रूड की कीमत 75 डॉलर प्रति बैरल के पार
बता दें कि पिछले साल अप्रैल में पहली लहर के दौरान कच्चे तेल की कीमत घटकर 19.90 डॉलर हो गयी थी. लेकिन इसके बाद से लगातार कच्चे तेल के दामों में इजाफा हो रहा है. सितंबर में ब्रेंट क्रूड की कीमत 73.13 डॉलर प्रति बैरल थी. जो अक्टूबर में 75 डॉलर प्रति बैरल को पार कर गयी है.
ईंधनों के दाम बढ़ने से बढ़ रही है महंगाई
देश में लगातार बढ़ रही पेट्रोल-डीजल की कीमत का सीधा असर महंगाई पर भी पड़ रहा है. सरकार बढ़ी हुई कीमतों का सीधा कारण अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत में हुई बढ़ोतरी को बता रही है. पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ने के कारण खाद्य पदार्थ के दाम भी बढ़ रहे हैं. दूसरी तरफ विपक्ष इसे राजनीतिक मुद्दा बना रही है.
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