Ranchi: पुलिस कि मुखबिरी अब जान पर भारी पड़ रही है. चाईबासा में पिछले दिन दो नवंबर को नक्सलियों ने बुरुदुईया निवासी रतन कोड़ा की गोली मार कर हत्या दी गयी थी. इससे पहले चार जुलाई को धनबाद जिले टुंडी थाना क्षेत्र में नक्सलियों ने तीन ग्रामीणों की पिटाई की थी. हाल के दिनों में इस तरह के कई ऐसे मामले हैं जिसमें मुखबिरी का आरोप लगाकर गांव वालों को नक्सली मार रहे है.
पुलिस मुखबिरी जान पर भारी
पुलिस को चप्पे-चप्पे की जानकारी मिले, इसलिए पुलिस अनाधिकृत तौर पर मुखबिरों को बहाल करती है. नक्सली गतिविधि और दूसरी ऐसी खबरों के बदले पुलिस की तरफ से मुखबिरों को कुछ इनाम भी मिलता है. इनाम में क्या और कितना मिलता है, यह भी सरकार के रिकॉर्ड में नहीं होता. नक्सली इलाकों में मुखबिरों की ही वजह से पुलिस को कई बार बड़ी कामयाबी मिलती है. लेकिन इस बात की जानकारी अगर नक्सलियों को हो जाती है, तो फिर वो खबर देने वाले मुखबिर को नहीं छोड़ते.
पुरानी रंजिश व लेनदेन भी हत्या की वजह
पुलिस मुखबिरी के आरोप में कभी कोई नक्सलियों का शिकार बन जाता है. तो कभी नक्सलियों के सहयोग करने के आरोप में कोई पुलिस की जाल में फंस जाता है. इस तरह नक्सल प्रभावित इलाकों में रहने वालों के लिए जिंदगी कठिन हो गयी है. नक्सलियों का समर्थक होने की वजह से कई लोग जेल में भी बंद हैं. हालांकि, नक्सलियों के हाथों स्थानीय ग्रामीणों की हत्या की हर घटना मुखबिरी से जुड़ी नहीं होती. कई मामलों में पुरानी रंजिश और लेन-देन की बात भी सामने आयी है. वहीं कई बार नक्सली दस्तों में शामिल स्थानीय लोग इसे मुखबिरी का नाम भी दे देते हैं.
मुखबिरी के आरोप में इस वर्ष नक्सलियों ने की 9 की हत्या
2 नवंबर: चाईबासा जिले के गोईलकेरा थाना क्षेत्र के बुरुदुईया गांव में नक्सलियों ने बुरुदुईया निवासी रतन कोड़ा (36 वर्ष) की गोली मार कर हत्या कर दी.
4 जुलाई: धनबाद जिले टुंडी थाना क्षेत्र में नक्सलियों ने तीन ग्रामीणों की पिटाई की. नक्सलियों के द्वारा पुलिस मुखबिरी का आरोप लगाकर तीनों की पिटाई की गयी.
29 जून : रांची के तमाड़ थाना क्षेत्र में दिन दहाड़े पुलिस मुखबीर सह एसपीओ देवानंद सिंह मुंडा उर्फ देवान की गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी. नक्सलियों ने इस हत्या की जिम्मेवारी ली थी.
31 मई: चाईबासा जिले के नक्सल प्रभावित पोड़ाहाट जंगल के जोनुवां पहाड़ी गांव में नक्सलियों ने पुलिस पर हमला कर दिया. इसमें चक्रधरपुर के एएसपी का बॉडीगार्ड लखींद्र मुंडा शहीद हो गये. वहीं, एसपीओ सुंदर स्वरूप महतो की भी मौत हो गयी.
24 मई: सरायकेला-खरसावां जिले के खरसावां थाना क्षेत्र के सुदूरवर्ती रायजामा में नक्सलियों ने पुलिस मुखबिरी के संदेह में दंपती की गोली मारकर हत्या कर दी थी. 43 वर्षीय मंगल सरदार व 35 वर्षीय लखीमनी सरदार का शव उसके घर के पास से बरामद हुआ था.
20 अप्रैल: चाईबासा जिले के गोइलकेरा थाना क्षेत्र के कुईडा में नक्सलियों ने पुलिस का मुखबिर बताकर राजकुमार गोप नाम के युवक की गोली मारकर हत्या कर दी.
15 अप्रैल: खूंटी के अड़की थाना क्षेत्र के बोहोंडा गांव के जीलुगड़ा गांव में घर से उठाकर भाकपा माओवादियों ने कमलेश समद की लाठी-डंडे से पीटने के बाद गोली मारकर हत्या कर दी थी.
28 मार्च 2020: चाईबासा जिले के हरता पंचायत के गुंडरी गांव के ग्राम मुंडा नयमन बूढ़ की पुलिस मुखबिरी के आरोप में नक्सलियों ने गला रेतकर हत्या कर दी थी.
11 मार्च: गोमिया प्रखंड के चतरो चट्टी में माओवादी कमांडर मिथिलेश सिंह ने अपने दस्ते के साथ चैयाटांड़ व कुरकुटिया गांव के सैकड़ों लोगों के बीच जन अदालत लगायी. इस अदालत में पंचायत समिति के सदस्य राजू को बुलाकर लाया गया और भरी पंचायत में उसकी जमकर पिटाई करते हुए पूछताछ की गयी. नक्सलियों ने राजू महतो को झारखंड छोड़कर चले जाने की चेतावनी देते हुए छोड़ दिया. उसकी पिटाई भी पुलिस मुखबिरी के आरोप में की गयी थी.
17 जनवरी: सरायकेला जिले के कुचाई थाना क्षेत्र के काडेकेदा में छोटू कालिंदी नाम के शख्स की गोली मारकर हत्या कर दी थी. हत्या की जिम्मेदारी भाकपा माओवादी ने ली थी. भाकपा माओवादी ने पोस्टरबाजी कर हत्या की जिम्मेदारी लेते हुए कहा कि पुलिस मुखबिर होने की वजह से छोटू कालिंदी की हत्या की गयी.