Lucknow : शिवपाल सिंह यादव की सीएम योगी आदित्यनाथ से मुलाकात के बाद यूपी की सियासत गरमा गयी है. कयास लग रहे हैं कि भाजपा की मदद से शिवपालयादव राज्यसभा जा सकते हैं. दो दिन तक दिल्ली में भाजपा के शीर्ष नेतृत्व से मुलाकातों का सिलसिला और फिर सीएम योगी से मुलाकात के बाद शिवपाल यादव के राज्यसभा में भेजे जाने की पटकथा तैयार कर लिये जाने की बात कही जा रही है.
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शिवपाल सिंह यादव ने अलग सियासी मुकाम चुन लिया
सूत्रों के अनुसार समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के चाचा और प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (प्रसपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने अपना अलग सियासी मुकाम चुन लिया है. खबर है कि शिवपाल को राज्यसभा भेजे जाने को भाजपा ने हरी झंडी दे दी है.
बता दें कि उत्तर प्रदेश में जुलाई माह में राज्यसभा की 11 सीटें रिक्त हो रही हैं.इसमें से 7 से 8 सीटों पर भाजपा का जीतना तय माना जा रहा है. उच्च पदस्थ सूत्रों का कहना है कि शिवपाल सिंह यादव को भाजपा इसलिए राज्यसभा भेजना चाहती है क्योंकि वह चाहती है कि जसवंतनगर सीट पर पर कमल खिल जाये. भाजपा शिवपाल यादव के बेटे आदित्य यादव को यहां से मैदान में उतार सकती है.
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शिवपाल को अपने पाले में लाना चाहती है भाजपा
जानकारों का कहना है कि समाजवादी पार्टी ने जिस तरह से विधानसभा चुनाव में भाजपा को कांटे की टक्कर दी है, उस कारण भाजपा 2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर सारे सियासी दांवपेच आजमा रही है. सपा के कोर वोट बैंक यादव समुदाय में सेंधमारी के लिए भाजपा शिवपाल यादव को उच्च सदन भेजकर केंद्रीय मंत्री भी बना सकती है.
यूपी में 9 फीसदी यादव वोटर हैं. यह ओबीसी में सबसे बड़ी आबादी है, जो सपा के मूल वोटर माना जाता है. ऐसे में भाजपा 2024 में सपा को मात देने के लिए शिवपाल यादव के सहारे यादव समुदाय के रूप में बड़ा चेहरा खडा करना जाहती है. शिवपाल यादव की यादव समुदाय के बीच अच्छी पकड़ मानी जाती है.