Ranchi : जेल में बंद निलंबित आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल बिरसा कृषि विश्वविद्यालय के वेटरनरी डेयरी फार्म के गिर गाय का दूध पीती थी. पूजा सिंघल जब कृषि सचिव थी, तो वेटरनरी के डेयरी फार्म से ही उनके आवास पर स्पेशल गिर गाय का ही दूध भेजा जाता था. गिर गाय भारत की स्वदेशी पशु नस्लों में सबसे अच्छा दूध उत्पादन करने वाली नस्ल माना जाता है, जिसमें विटामिन, प्रोटीन और ओमेगा भरपूर मात्रा में पाया जाता है.
वेटनरी डेयरी फार्म में गिर नस्ल की कुल 16 गायें
बिरसा कृषि विश्वविद्यालय के वेटनरी डेयरी फार्म में गाय व भैंस मिलाकर कुल 84 हैं, जिनमें गिर गाय 16, क्रॉस ब्रिड गाय 32, साहिवाल गाय 09, थारपारकर गाय 12 व 15 भैंस शामिल हैं. प्रतिदिन बीएयू के स्टूडेंट्स, स्टाफ, कुलपति, डीन, विभागाध्यक्ष इसी डेयरी का दूध पीते हैं. दूध लेने के लिए कूपन की आवश्यकता होती है. इसके लिए विभाग की ओर से दूध खरीदने से पहले कूपन लेना पड़ता है. बाकी बचा हुआ दूध अगर कोई बाहर के लोग कूपन लेकर लेना चाहते हैं, तो उन्हें मिलता है. लेकिन सबसे पहले बिरसा कृषि विश्वविद्यालय के स्टूडेंट्स, प्रोफेसर और कर्मचारियों को ही यहां से दूध मिलता है.
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कूपन के जरिये मिलता है 35 रुपये प्रतिलीटर दूध
बिरसा कृषि विश्वविद्यालय वेटरनरी फार्म के मवेशियों के लिए चारा का खर्च सरकार उठाती है. डेयरी फार्म के सेवक से मिली जानकारी के अनुसार, प्रतिदिन जानवरों को 4 से 5 क्विंटल चारा खिलाया जाता है. जब चारा खत्म हो जाता है, तो थोड़ा कम में ही काम चलाना पड़ता है, क्योंकि अभी हरा चारा खेतों में मिल जा रहा है. उन्होंने बताया कि फार्म में जो चीज की भी आवश्यकता होती है, तो विभाग को लिखा जाता है. बताया कि डेयरी फार्म से 35 रुपये प्रति लीटर दूध बेचा जाता है. डेयरी फर्म के प्रभारी डॉ आलोक कुमार पांडये ने बताया कि दूध लेने से पहले विभाग से कूपन खरीदना पड़ता है.
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