Mumbai : महाराष्ट्र की राजनीति में कुछ बदलाव के संकेत मिल रहे हैं. खबर है कि पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में ममता बनर्जी की जीत में अहम भूमिका निभाने वाले प्रशांत किशोर ने आज एनसीपी प्रमुख शरद पवार से मुलाकात की. मुंबई में हुई इस मुलाकात को हालांकि शिष्टाचार भेंट करार दिया जा रहा है, लेकिन माना जा रहा है कि दोनों के बीच मिशन 2024 को लेकर मंथन हुआ.
जान लें कि विपक्षी दलों में इस बात को लेकर चर्चा जारी है कि 2024 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मुकाबले कौन चेहरा होगा. प्रशांत किशोर सुबह साढ़े 10 बजे शरद पवार से मिलने पहुंचे थे, बाद में दोनों ने साथ ही में लंच भी किया.
राजनीतिक गलियारों में प्रशांत किशोर और पवार की मुलाकात के कई मायने निकाले जा रहे हैं. बता दें कि विपक्षी दल इस समय इस बात पर बहस कर रहे हैं कि 2024 में प्रधानमंत्री मोदी के सामने विपक्ष का चेहरा कौन होगा. माना जा रहा है कि दोनों की मुलाकात के दौरान इन मुद्दों पर चर्चा हुई,
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शरद पवार यूपीए का नेतृत्व करें
राहुल गांधी के नेतृत्व की सीमाओं को महसूस करने के बाद कुछ नेता मांग कर रहे हैं कि शरद पवार यूपीए का नेतृत्व करें. महाराष्ट्र में शिवसेना और एनसीपी के एक साथ आने के बाद से यह चर्चा गर्म हो गयी है. जान लें कि पूर्व में शिवसेना नेता संजय राउत मांग कर चुके हैं कि शरद पवार को यूपीए का नेतृत्व करना चाहिए. यह एक बड़ा मुद्दा है.
प्रशांत किशोर से जुड़े सूत्रों के अनुसार वह हर उस विपक्ष के नेता से मुलाकात करेंगे जिन्होंने ममता बनर्जी और एमके स्टालिन को अपना समर्थन दिया था. बता दें कि दोनों ही पिछले दिनों हुए पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में बड़े विजेता बनकर उभरे हैं.
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भाजपा ने पश्चिम बंगाल जीतने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक दी थी
पिछले तीन-चार सालों से भाजपा ने पश्चिम बंगाल जीतने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक दी थी, ममता के खिलाफ केंद्रीय मंत्री, सांसद और संघ के स्वयंसेवकों ने मोरचा संभाला था, फिर भी वे ममता को हरा नहीं पाये. माना जा रहा है कि पवार-किशोर की बैठक में भाजपा की कमजोर कड़ियां और उनकी ताकत पर चर्चा हो सकती है.
सूत्रों के अनुसार शिवसेना-एनसीपी और कांग्रेस को महाराष्ट्र का राजनीतिक मॉडल माना जा रहा है. इस मॉडल में भाजपा की सहयोगी पार्टी शिवसेना अलग हो गयी है. इसलिए महाराष्ट्र के राजनीतिक हालात पर प्रशांत किशोर और शरद पवार के बीच चर्चा हो सकती है.
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शरद पवार से मुलाकात पर सबकी नजरें हैं
बता दें कि प्रशांत किशोर अब तक नरेंद्र मोदी, जगन मोहन रेड्डी, कैप्टन अमरिंदर सिंह, ममता बनर्जी और उद्धव ठाकरे की पार्टी के लिए बतौर चुनावी रणनीतिकार काम कर चुके हैं, पश्चिम बंगाल में प्रशांत किशोर की रणनीति की वजह से तृणमूल कांग्रेस को 200 से अधिक सीटें मिलीं थीं. चुनाव परिणाम के दिन ही पीके ने चुनाव प्रबंधन के काम से संन्यास लेने की घोषणा कर दी थी. ऐसे में अब उनकी शरद पवार से मुलाकात पर सबकी नजरें हैं.