Ranchi : मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन कार्यक्रम 16 सितंबर से 30 सितंबर तक आयोजित किया गया है. कार्यक्रम के तहत झारखंड के 13190647 लोगों को फाइलेरिया की दवा (डीईसी) देने का लक्ष्य रखा गया है. कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए राज्यभर के 72 सीएचसी, 1542 हेल्थ सब सेंटर और 121136 गांव तक स्वास्थ्य विभाग की टीम पहुंचकर डीईसी की दवा देंगे. प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ अनिल कुमार ने कहा कि 20951 कर्मी इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए काम करेंगे. जबकि 2095 सुपरवाइजर को भी इस अभियान को सफल बनाने में अपना योगदान देंगे.
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राज्य में 43295 फाइलेरिया के मरीज
डॉ अनिल कुमार ने कहा कि झारखंड में 43295 फाइलेरिया के मरीज हैं. इनमें 38376 मरीजों का ऑपरेशन किया गया है. जबकि हाइड्रोसील के मरीजों की संख्या 44620 है. उन्होंने कहा कि इस बार मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन कार्यक्रम के तहत कर्मी लक्षित आबादी को अपने सामने ही दवा खिलाएंगे.
पहले दिन बूथ पर दी जाएगी डीईसी की गोली
पहले दिन बूथ पर डीईसी की दवा खिलाई जाएगी. इसके बाद घर-घर जाकर स्वास्थ्य विभाग के कर्मी एमडीए को सफल बनाने के लिए दवा देने का काम करेंगे. हालांकि, दो साल से कम आयु के बच्चों को डीईसी की दवा नहीं दी जाएगी. उन्हें एल्बेंडाजोल दिया जाएगा. साथ ही गर्भवती महिलाएं और गंभीर रूप से बीमार लोगों को भी डीईसी की दवा नहीं दी जाएगी.
राज्य के आठ जिलों में होगा एमडीए कार्यक्रम
स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अरुण कुमार सिंह ने कहा कि इस अभियान का लाभ राज्य के लोगों को उठाने की जरूरत है. कार्यक्रम राज्य के 8 जिलों में चलाया जाएगा. कार्यक्रम का लक्ष्य वेक्टर बोर्न डिजीज पर अंकुश लगाना है. उन्होंने कहा कि कर्मचारी अपनी उपस्थिति में लोगों को दवा खिलाने का काम करेंगे. दवा के खाने के बाद रिएक्शन होता है, तो रैपिड रिस्पांस टीम वैसे लोगों के इलाज की व्यवस्था करेंगे.
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