LagatarDesk : सरकार ने IDBI Bank के निजीकरण की दिशा में एक और कदम उठाया है. सरकार ने IDBI बैंक में अपनी हिस्सेदारी बेचेने में सहायता के लिए मर्चेंट बैंकरों, लीगल फर्म और ट्रांजैक्शन एडवाइजर्स से आवेदन मंगाये हैं. कंपनियां 13 जुलाई तक ही आवेदन कर सकते हैं. बता दें कि निवेश एवं लोक परिसंपत्ति प्रबंधन विभाग ने मंगलवार को रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल जारी कर दी है. इस खबर के बाद आईडीबीआई बैंक के शेयर के दाम में भी बढ़ गये हैं.
IDBI बैंक में सरकार और LIC की 94 फीसदी हिस्सेदारी
कैबिनेट ने मई में मैनेजमेंट ही IDBI बैंक में विनिवेश की मंजूरी दी थी. केंद्र सरकार और LIC के पास IDBI बैंक की 94 फीसदी से अधिक हिस्सेदारी है. LIC के पास बैंक की 49.24 परसेंट हिस्सेदारी है और इसका मैनेजमेंट कंट्रोल भी है. जबकि सरकार की हिस्सेदारी 45.48 परसेंट और नॉन प्रमोटर्स की हिस्सेदारी 5.29 फीसदी है. IDBI Bank के निजीकरण की बोलियों में सरकारी बैंक हिस्सेदार नहीं बन सकते हैं. सरकार के साथ-साथ LIC भी बैंक में अपनी हिस्सेदारी बेच सकती है.
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IDBI Bank के शेयरों में 6 फीसदी की बढ़त
IDBI Bank के निजीकरण को बाजार ने स्वागत किया है. बैंक के शेयरों में 6 फीसदी की बढ़त आयी है. बीएसई पर IDBI Bank के शेयर 5.96 फीसदी की बढ़त के साथ 40.90 रुपये पर कारोबार कर रहा है. मंगलवार को IDBI Bank के शेयर 38.60 रुपये पर बंद हुआ था.
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चालू वित्त वर्ष में निजीकरण का काम हो जायेगा पूरा
बता दें कि इस बात का पता नहीं है कि सरकरा IDBI बैंक में अपना कितना हिस्सेदारी बेचेगी. हालांकि सरकार ने कहा था कि RBI के साथ चर्चा के बाद ही पता चलेगा कि IDBI बैंक में कितना हिस्सा बेचा जायेगा. LIC ने जनवरी 2019 में IDBI बैंक में कंट्रोलिंग हिस्सेदारी ली थी. बता दें कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2021-22 के बजट में कहा था कि IDBI बैंक के प्राइवेटाइजेशन की प्रक्रिया चालू वित्त वर्ष में पूरी हो जायेगी.
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1.75 लाख करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य
प्राइवेटाइजेशन और हिस्सेदारी बेचकर सरकार 1.75 लाख करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है. इसमें से 1 लाख करोड़ रुपये सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और वित्तीय संस्थानों में सरकारी हिस्सेदारी बेचकर जुटाया जायेगा. जबकि CPSE विनिवेश के जरिये 75,000 करोड़ रुपये जुटायेगी.
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