Chaibasa : जिला सभागार में उपायुक्त अनन्य मित्तल की अध्यक्षता में बुधवार को बाल संरक्षण एवं बाल अधिकार से संबंधित मामले को लेकर दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का शुभारंभ हुआ. इस दौरान जन-जागृत कार्यक्रम संचालन करने की योजना के लिए चयनित 51 प्रखंड स्तरीय प्रशिक्षक शामिल हुए. डीसी ने सभी प्रशिक्षकों को संबोधित करते हुए कहा कि कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य जिला अंतर्गत प्रखंड से लेकर ग्राम स्तर तक अलग-अलग स्तर पर गठित मास्टर ट्रेनर के द्वारा सुनियोजित तरीक़े से बाल-संरक्षण से जुड़े सभी नियमों का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाना है. जिससे जिला अंतर्गत बाल शोषण के मामले को रोका जा सके. पश्चिम सिंहभूम में पहले की तुलना में बाल शोषण व तस्करी के मामले में कमी है. यह जागरूकता का ही परिणाम है.
बाल सुरक्षा से जुड़े मामलों में तुरंत अधिकारियों को सूचित करें
उन्होंने कहा कि नियमित रूप से सरकार का काम बाल संरक्षण करना है. किसी भी तरह के बाल शेषाण, बाल तस्करी, बाल विवाह, बाल श्रम संबंधित मामला सामने आने पर इसकी रिपोर्ट उच्च पदाधिकारी को करें ताकि समय रहते कार्रवाई की जा सके. साथ ही सर्वप्रथम व्यक्ति को तत्काल विशेष किशोर पुलिस इकाई (संपर्क सूत्र-100), जिला बाल संरक्षण इकाई, चाइल्ड लाइन (संपर्क सूत्र-1098), बाल कल्याण समिति, किशोर न्यास बोर्ड आदि से संपर्क स्थापित करते हुए घटना कि सूचना दी जा सकती है. मौके पर बाल संरक्षण पदाधिकारी पुनीता तिवारी, बचपन बचाओ आंदोलन के राज्य को-ऑर्डिनेटर ब्रजेश मिश्रा, किशोर न्याय परिषद के सदस्य सह बाल संरक्षण विकास दोदराजका समेत काफी संख्या में पदाधिकारी उपस्थित थे.
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