LagatarDesk : इंश्योरेंस सेक्टर में फॉरेन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट (FDI) की सीमा को बढ़ाकर 74 फीसदी करने की घोषणा की थी. इस इंश्योरेंस (संशोधन) बिल, 2021 को राज्यसभा से गुरुवार को मंजूरी मिल गयी है. इससे पहले इंश्योरेंस सेक्टर में FDI की सीमा 49 फीसदी थी.
इसे भी पढ़े :HC में 33 ऑटोनॉमस बॉडी, अनुभव 7 साल का, पूर्व CS एके सिंह के पास 16, IAS वर्णवाल की पत्नी के पास 2, इनका अनुभव 1 साल
इंश्योरेंस सेक्टर के लिए लॉन्ग टर्म फंड फंड की आवश्यकता
सीतारमण ने कहा कि बीमा रेगुलेटर इरडा ने कहा है कि सुरक्षा को ध्यान में रखकर निवेश की सीमा बढ़ायी जायेगी. वित्त मंत्री ने कहा कि इंश्योरेंस सेक्टर के लिए लॉन्ग टर्म फंड फंड की आवश्यकता है.
इसे भी पढ़े :कोरोना अपडेट : गुजरात की सीमाएं सील, बिहार में डॉक्टरों की छुट्टियां कैंसल, महाराष्ट्र सर्वाधिक प्रभावित
कंपनी के अहम पदों पर भारतीयों की होगी नियुक्ति
FDI की सीमा के बढ़ने से इंश्योरेंस सेक्टर पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा. कंपनी में ज्यादातर डायरेक्टर्स और प्रबंधन के अहम पदों पर भारतीयों की नियुक्ति होगी. कंपनी के प्रॉफिट का कुछ हिस्सा जनरल रिजर्व के रुप में रखा जायेगा. कंपनी जहां होगी, कानून भी वहीं का चलेगा. इसे कोई खत्म नहीं कर सकता है.
इसे भी पढ़े :सीएम और कई विधायकों ने मास्क नहीं पहना, फाइन लें-सीपी, अबतक जो भी बिना मास्क के आये, सब पर हो जुर्माना- आलमगीर
इंश्योरेंस कंपनियों में अनिवार्य नहीं है 74 फीसदी FDI
सीतारमण ने कहा कि इस प्रस्ताव के तहत इंश्योरेंस कंपनियों में 74 फीसदी विदेशी निवेश का विकल्प दिया जा रहा है. इसे अनिवार्य नहीं बनाया जा रहा है. जो कंपनियां FDI
से फंड जुटाना चाहती हैं, वे जुटा सकती हैं. लेकिन कंपनियां FDI से फंड नहीं जुटाना चाहती है, तो वो नहीं भी कर सकती हैं. FDIसे फंड जुटाने के लिए बीमा कंपनियों को अनुमति लेनी होगी.
इसे भी पढ़े :30 सितंबर तक सभी बैंकों में लागू होगा Cheque Truncation System, अब 24 घंटे में हो जायेगा क्लियर