NewDelhi : पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर के बीच मुलाकात होने की खबर आयी है. कैप्टन ने मंगलवार को पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की. इसी के बाद अमरिंदर सिंह प्रशांत किशोर से अपने दिल्ली स्थित आवास कपूरथला हाउस पर मिले. बता दें कि पंजाब में सत्तारूढ कांग्रेस में कलह जारी है.
इसी को लेकर दिल्ली में कांग्रेस हाईकमान लगातार पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह और नवजोत सिंह के बीच सुलह की कोशिश में लगा हुआ है. इधर अमरिंदर सिंह और प्रशांत किशोर की मुलाकात को लेकर राजनीतिक गलियारों में अटकलों का दौर शुरू हो गया है.
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प्रशांत किशोर को अमरिंदर सिंह ने प्रमुख सलाहकार बनाया था
जान लें कि प्रशांत किशोर को अमरिंदर सिंह ने प्रमुख सलाहकार बनाया था, वे विधानसभा चुनाव के दौरान पंजाब भी पहुंचे थे. लेकिन पश्चिम बंगाल के नतीजे आने के बाद उन्होंने राजनीतिक रणनीतिकार के रूप में काम नहीं करने से इच्छा जाहिर की. इसके बावजूद कैप्टन अमरिंदर सिंह से दिल्ली में प्रशांत किशोर की मुलाकात से पंजाब सीएम कैंप खुश है.
यह मुलाकात ऐसे समय में हुई है, जब नवजोत सिंह सिद्धू ने अमरिंदर के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है और कुछ अन्य पार्टी नेताओं ने भी बगावत के संकेत दिये हैं. इससे पहले भी राज्य में नेतृत्व में बदलाव की कुछ मांगें उठ चुकी हैं. ऐसे में अमरिंदर की किशोर से मुलाकात के कई सियासी मायने निकाले जा रहे हैं.
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मुख्यमंत्री प्रशांत से निजी तौर पर परिचित हैं
अमरिंदर के करीबी नेताओं के अमनुसार प्रशांत किशोर की पंजाब में दिख रही दिलचस्पी ही सीएम कैंप को नयी ऊर्जा देने के लिए काफी है. सूत्रों का कहना है कि प्रशांत किशोर किसी भी राजनीतिक दल के नेता के लिए कोई प्रोजेक्ट न लेने की बात पर कायम हैं. हालांकि किशोर के एक करीबी ने कहा, क्या हुआ अगर वे मुख्यमंत्री से मिले?
मुख्यमंत्री उनसे निजी तौर पर परिचित हैं. वे मिलना चाहते थे और मौके की बात है कि किशोर दिल्ली में ही थे. तो दोनों की मुलाकात हो गयी. सूत्रों के अनुसार, किशोर सार्वजनिक तौर पर कह चुके हैं कि वे जो काम कर रहे थे, वह बंद कर देंगे. उनकी स्थिति में कोई बदलाव नहीं हुआ है.
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अमरिंदर कैंप उम्मीद कर रहा है कि वे सीएम के साथ दोबारा काम करें
बताया गया है कि ज्यादातर विधायक पहले प्रशांत किशोर के साथ काम करने का विरोध कर चुके थे. लेकिन अब अमरिंदर कैंप उम्मीद कर रहा है कि वे सीएम के साथ दोबारा काम करें. कांग्रेस के एक नेता ने नाम न उजागर करने की शर्त पर बताया कि किशोर अगर सीएम के साथ दिखते हैं, तो इससे संकेत जाता है कि मुख्यमंत्री की पकड़ मजबूत हैं और सिद्धू की तरफ से चुनौती कोई मायने नहीं रखती.