Ramgarh : मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन अपनी पत्नी कल्पना सोरेन के साथ बुधवार को अपने पैतृक गांव नेमरा पहुंचे. वहां उन्होंने सोबरन सोरेन को 67वें शहादत दिवस पर श्रद्धांजलि दी. नेमरा के लुकैयाटांड़ स्थित शहीद सोबरने सोरेन की प्रतिमा पर फूल-माला चढ़कर उन्हें नमन किया. गांडेय की नवनिर्वाचित विधायक कल्पना सोरेन व रामगढ़ की नवनिर्वाचित विधायक ममता देवी ने भी शहीद को श्रद्धांजलि अर्पित की. सीएम ने अपने संबोधन में कहा कि झारखंडियों ने सदियों से शोषण व दमन के खिलाफ संघर्ष किया है, लड़ाई लड़ी है. हमारे वीर पुरुखों ने हमें हमेशा हक-अधिकार के लिए लड़ने का जज्बा दिया. हमारे पूर्वज सोबरन सोरेन (दादा) ने शोषण, दमन व महाजनी प्रथा के खिलाफ जीवनपर्यंत संघर्ष किया. दादाजी के संघर्ष को दिशोम गुरु शिबू सोरेन ने आगे बढ़ाया.
हेमंत सोरेन ने कहा कि मेरे दादाजी एक कुशल शिक्षक थे. उनका मानना था कि शिक्षा से ही समाज में क्रांति आ सकती है, एक समृद्ध समाज के लिए शिक्षित होना बहुत जरूरी है. शोषकों के खिलाफ संघर्ष करते हुए भी वह शिक्षा का अलख जगाते रहे और शोषित-वंचित समाज को शिक्षित करने का अपना महाअभियान जारी रखा. अपने वीर पुरुखों और दादाजी के संघर्षों से प्रेरणा लेकर अब वह (हेमंत सोरेन) उनके सपनों को पूरा करने के प्रयास में जुटे हैं.
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