Ranchi: रेस्क्यू की गयी बालिग बच्चियों को झारखंड में ही रोजगार उपलब्ध कराने की पहल शुरू हो गई है. तमिलनाडु के कोयम्बटूर से 24 युवतियों को एयरलिफ्ट कर रांची लाया गया था. इन लड़कियों को नौकरी दी गई. साथ ही सरकार ने हुनरमंद 111 नर्सों को देश के प्रतिष्ठित अस्पतालों में नियोजित कर आर्थिक स्वावलंबन का मार्ग भी प्रशस्त किया. नाबालिग बच्चियों को बालिग होने तक प्रति माह दो हजार रुपये की सहायता राशि देने का निर्देश सम्बंधित जिला के उपायुक्तों को दिया गया है.

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नारकीय जीवन जी रही थी लड़कियां
रेस्क्यू कर लाई गईं लड़कियां कोयूंटूर व अन्य जगहों पर नारकीय जीवन जी रही थीं. उन्हें जबरन 16 घंटे काम करना पड़ता था. 12 वर्षीय सिंगरी माल्टो (बदला हुआ नाम) पुलिस अधिकारी बनाना चाहती है. साहेबगंज निवासी सिंगरी कहती है, जो मेरे साथ हुआ, वह किसी अन्य के साथ न हो. उसने जो यातना और मानसिक पीड़ा झेली है, कोई और न झेले. सिंगरी मानव तस्करी की शिकार वही बच्ची है, जिसे राज्य सरकार पांच माह पूर्व दिल्ली से एयरलिफ्ट कर रांची लाया था. यहां उसकी ब्रेन मैपिंग हुई. सरकार उसके भविष्य की योजनाओं से अवगत हुई. सिंगरी के भविष्य को गढ़ने में जुट गई. सिंगरी जैसी 44 अन्य बेटियां हैं. सभी की अपने भविष्य को लेकर अपनी योजनाएं हैं, जिस पर राज्य सरकार गंभीरता से विचार कर रही है.
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महिला उत्पीड़न की सुनवाई के लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट
रेप एंड पोस्को एक्ट के अंतर्गत लंबित वादों की त्वरित सुनवाई व निष्पादन के लिए झारखंड राज्य में जिला एवं अपर सत्र न्यायधीश स्तर के 22 फास्ट ट्रैक विशेष न्यायालयों के गठन के प्रस्ताव को स्वीकृत किया है. विधि विभाग द्वारा पोस्को एक्ट के तहत राज्य के डालटनगंज (पलामू), धनबाद, जमशेदपुर, गढ़वा, गोड्डा, रांची और देवघर जिले में जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश, अपर न्यायायुक्त, अपर लोक अभियोजक को नामित किया गया है.
इसकी प्रशासनिक स्थापना के सुचारू संचालन के लिए प्रत्येक न्यायालय में वर्ग तीव व चार के सात-सात कुल 154 अराजपत्रित पदों के सृजन पर घटनोत्तर स्वीकृति दे दी गई है.
ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट का गठन जल्द
लातेहार, साहेबगंज, गोड्डा और गिरिडीह में एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट (एएचटीयू) का गठन किया जाएगा. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इन चार जिलों में एएचटीयू के गठन संबंधी प्रस्ताव को स्वीकृति दी है. इन अधिसूचित थानों के कार्यक्षेत्र संबंधित जिला का संपूर्ण कार्यक्षेत्र होगा. इसमें एएचटीयू जिला के अन्य थाना क्षेत्र में अवैध मानव व्यापार से संबंधित मामले भी पंजीकृत करने के साथ अनुसंधान भी किए जाएंगे.
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इन इकाइयों द्वारा अवैध मानव व्यापार की रोकथाम, रक्षा एवं अभियोजन के संधारण तथा अपराध एवं अपराधियों/ गिरोहों से संबंधित पूरा ब्योरा तैयार कर रखा जाएगा. वर्तमान में आठ एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट राज्य में संचालित हैं.