Ranchi: हाल के वर्षों में झारखंड महिलाओं और बच्चों की तस्करी के मामले में एक संवेदनशील राज्य के रूप में उभरा है. यहां लाचार महिलाओं के लिए शेल्टर होम बड़ा आसरा है. ऐसी स्थिति में भी लाचार महिलाओं को आश्रय देने वाला एक सरकारी शेल्टर होम नारी निकेतन की स्थिति काफी बदतर है. फंड के अभाव में शेल्टर होम पिछले महीने से बंद पड़ा है. रांची जिले के कांके प्रखंड के अरसंडे स्थित शेल्टर होम में अब कोई महिला नहीं रह रही है. देखरेख के अभाव में भवन की स्थिति भी जर्जर हो चुकी है.
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विभाग की ओर से फंड नहीं दिया जा रहा
नारी निकेतन की देखरेख करने वाली संस्था महिला सामख्या सोसाइटी को तीन साल से महिला बाल विकास सामाजिक सुरक्षा विभाग की ओर से फंड नहीं मिल रहा है. नारी निकेतन में कार्यरत कर्मियों को भी तीन साल से वेतन नहीं मिला है. नारी निकेतन की स्थिति में सुधार लाने के लिए साल 2021 में झारखंड हाइकोर्ट में पीआइएल दायर किया गया था. इस पर हाइकोर्ट ने फंड देने के लिए आदेश भी दिया. इसके बावजूद फंड नहीं मिला. कर्मचारियों ने 24 अगस्त 2022 को जिला समाज कल्याण पदाधिकारी को सभी दस्तावेज, सामग्री और चाबी सौंप दी.
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तीन साल से वेतन नहीं, कर्मचारियों की स्थिति दयनीय
नारी निकेतन में कार्यरत कर्मचारियों को पिछले तीन सालों से वेतन नहीं मिला है. हालत यह है कि यहां वर्षों से काम कर रहीं महिलाओं की आर्थिक स्थिति काफी दयनीय हो गयी है. शेल्टर होम बंद हो गया,तो सोसाइटी ने भी लाचार महिलाओं को या तो उनके परिवारों के सुपुर्द कर दिया या दूसरे जिलों के आश्रयगृह में भेज दिया.