Ranchi: दिल्ली में किसानों के आंदोलन के समर्थन में अखिल भारतीय किसान सभा ने राजभवन में धरना दिया. धरना को संबोधित करते हुए पूर्व सांसद भुवनेश्वर प्रसाद मेहता ने केंद्र सरकार को आगाह किया कि अगर खेती से संबंधित काले कानूनों को रद्द नहीं किया जाता है तो इसके बाद हम सड़क और रेल जाम करने का काम झारखंड के मजदूर और किसान करेगे. फिर भी किसानों की बात नही मानी जाती है तो झारखंड से किसी भी तरह के खनिज को राज्य से बाहर नहीं जाने देंगे. इसे भी देखें- मेहता ने आगे कहा केंद्र सरकार किसानों के आंदोलन को पंजाब-हरियाणा के किसानों का आंदोलन कह रही है. जबकि इस मामले में देशभर के किसान एकजुट हैं. मोदी सरकार कृषि कानून को लेकर भ्रम फैलाने का काम कर रही है. इस मुद्दे पर नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार फंस चुकी है. साथ ही कहा कि अब यह किसानों का ही नहीं, बल्कि मजदूर, छात्र-नौजवान और छोटे व्यवसायियों का आंदोलन बन चुका है. इसे भी पढ़ें- राष्ट्रपति">https://lagatar.in/12-officers-and-jawans-including-ig-saket-singh-will-be-honored-by-the-president-asi-banua-oraon-will-posthumously-receive-the-presidential-gallantry-medal/20676/">राष्ट्रपति
के हाथों IG साकेत सिंह समेत 12 अधिकारी व जवान होंगे सम्मानित, ASI बनुआ उरांव को मरणोपरांत मिलेगा राष्ट्रपति वीरता पदक इस मामले पर मासस नेता मिथिलेश सिंह ने कहा कि इस लड़ाई में नरेंद्र मोदी की हार निश्चित है. क्योंकि इस बार वे देश के अन्नदाताओं से टकरा रहे हैं. उनकी हर चाल को किसान नाकाम कर रहे हैं. वहीं माकपा नेता सुफल महतो ने कहा कि केंद्र सरकार आरएसएस और कॉरपोरेट घरानों के इशारे पर किसानों को खेत मजदूर बनाने की साजिश कर रही है. इसके लिए देश के संविधान का उल्लंघन किया जा रहा है. इस मौके पर कलाम रशीदी, अजय कुमार सिंह, उमेश नजीर, लोकेश आनन्द, अलोका कुजूर, प्रफुल्ल लिंडा, सुशांतो मुखर्जी और भुवनेश्वर केवट सहित कई लोगों ने अपने विचार व्यक्त किये. इसे भी पढ़ें-गणतंत्र">https://lagatar.in/president-kovind-will-address-the-country-on-the-eve-of-republic-day-it-will-be-broadcast-at-7-pm/20654/">गणतंत्र
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रांची: कृषि कानून को वापस ले सरकार नहीं तो झारखंड से खनिजों को बाहर नहीं जाने देंगे- भुवनेश्वर मेहता

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