Ranchi: 18 नवंबर यानी शुक्रवार का दिन. यह दिन झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार और स्वयं मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के लिए काफी संकटमय स्थिति में गुजरा. खनन लीज मामले में सरकार और खुद पर लगे आरोपों का जवाब देने के लिए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) कार्यालय क्या पहुंचे, तरह-तरह की अटकलें तेज हो गयी. राज्य भर के लोगों की जुबान पर बस एक ही बात थी कि क्या मुख्यमंत्री को ईडी गिरफ्तार कर लेगी या उनका पक्ष सुनकर उन्हें घर जाने देगी. हालांकि मुख्यमंत्री को ईडी ने देर शाम घर वापस जाने दिया. फिर भी सरकार के सभी सहयोगियों (झामुमो, कांग्रेस और राजद नेताओं) के चेहरे पर चिंता तो दिखने लगी थी. संकट की इस घड़ी में भी हेमंत के अपनों यानी सरकार के सभी सहयोगियों ने (झामुमो, कांग्रेस और राजद) ने साथ नहीं छोड़ा. दूसरी तरफ झामुमो के हजारों कार्यकर्ता भी अपने नेता की एक झलक और भाषण सुनने के लिए दो दिनों तक राजधानी में डेरा डाले रहें.

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मंच पर गठबंधन के सभी दिग्गज नेता रहे साथ
गुरुवार को जब मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ईडी कार्यालय गए, तब हजारों की संख्या में विभिन्न जिलों से आए झामुमो कार्यकर्ता मुख्यमंत्री आवास पर डटे रहे. सभी कार्यकर्ता रोड पर बैठ गए थे. वे अपने नेता (हेमंत सोरेन) को सुनना चाहते थे. हालांकि कांके रोड से रातू रोड जाने वाली सड़क पूरी तरह से बंद करने से आने-जाने वालों को काफी परेशानी भी हुई. इस दौरान गठबंधन के सभी नेताओं ने मुख्यमंत्री की अनुपस्थिति में कार्यकर्ताओं के अंदर जोश भरने का काम किया. मंत्री चंपई सोरेन, जगरनाथ महतो, सत्यानंद भोक्ता, मिथलेश ठाकुर, आलमगीर आलम, डॉ रामेश्वर उरांव, विधायक अनूप सिंह, दीपिका पांडे सिंह सहित सभी विधायकों ने बारी-बारी से भाषण देकर कार्यकर्ताओं में जोश भरा.
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संकट के समय कार्यकर्ता भी डटे रहे, दूसरे दिन भी पहुंचे मुख्यमंत्री आवास
गुरुवार को हेमंत सोरेन के देरी से वापस लौटने के बाद कार्यकर्ताओं में निराशा दिखी. फिर भी वे वापस अपने-अपने जिला नहीं लौटे. वे गुरुवार को रांची में जमे रहे. झामुमो द्वारा कार्यकर्ताओं के ठहरने के लिए व्यवस्था की गयी. शुक्रवार सुबह 11 बजे से कार्यकर्ता फिर से मुख्यमंत्री आवास पर जमा होने लगे. हजारों की संख्या में कार्यकर्ता जब मुख्यमंत्री आवास पहुंचे, तो हेमंत सोरेन ने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए यह कह दिया कि जब भी जरूरत पड़ेगी, तो आप मेरी एक आवाज पर अपने-अपने घरों से निकलें और यहां पहुंचें.
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जिन पर लगा सरकार गिराने का आरोप, वे भी दिखे हेमंत के साथ
अपनी ही सरकार को गिराने का आरोप झेल रहे और कोलकाता कैश कांड में फंसे कांग्रेस के तीन विधायक इरफान अंसारी, राजेश कच्छप और नमन विक्सल कोंगाड़ी का भी मुख्यमंत्री को साथ मिला. गुरुवार की सुबह ही तीनों विधायक मुख्यमंत्री आवास पहुंचे थे. हालांकि चर्चा यह भी थी कि तीनों विधायक हेमंत सरकार को अपना समर्थन देने के लिए सहमति पत्र पर हस्ताक्षर करने पहुंचे थे. खैर जो भी हो, तीनों विधायक गुरुवार और शुक्रवार को मुख्यमंत्री आवास में डटे रहे.
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