Ranchi: धुर्वा क्षेत्र से गुजरने वाली लोधमा पिस्का लिंक लाइन को आम बजट में पास हुए तीन वर्ष से ऊपर हो गए है. लेकिन इस महात्वाकांक्षी योजना पर अब तक एक इंच भी काम नहीं हुआ है. तीन केंद्रीय बजट गुजर गए, लेकिन यह लाइन अभी केवल सर्वे पर ही अटकी हुई है. करीब 17.5 किमी बनने वाली नयी बाइपास रेल लाइन में योजना के लिए 10 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है.
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लोधमा पिस्का लिंक लाइन की भूमिका
यह लाइन राउरकेला से टोरी को जोड़ने में अहम भूमिका निभाएगा. रांची और हटिया स्टेशन से गुजरनेवाली मालगाड़ियां इसी लिंक लाइन से होकर निकल जाएगी. इससे रांची और हटिया स्टेशन से मौजूदा समय की तुलना में अधिक पैसेंजर और एक्सप्रेस ट्रेनों का सुगमता से परिचालन किया जा सकेगा.
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रेल कनेक्टिविटी में अभी पीछे है रांची
झारखंड की राजधानी होने के बावजूद रेल कनेक्टिविटी में रांची काफी पिछड़ा है. लोधमा पिस्का लिंक लाइन रांची को देश के उत्तरी और दक्षिणी भागों की रेल कनेक्टिविटी से जोड़ने में काफी मददगार साबित होगी. इससे यात्रियों का सफर आसान होगा और उनकी सुविधाएं बढ़ जाएगी. साथ ही यात्रियों के समय की भी बचत होगी.
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टोरी लाइन की बढ़ जाएगी अहमियत
लोधमा पिस्का लिंक लाइन बन जाने के बाद टोरी लाइन का महत्व काफी बढ़ जाएगा. यह तीन साल पहले ही बनकर तैयार हुआ है. अभी इस लाइन से रांची लोहरदगा और रांची सासाराम का परिचालन हो रहा है. लेकिन अड़चन यह है कि, टोरी से रांची और हटिया से बंडामुंडा तक सिंगल रेल लाइन है. सिंगल लाइन होने से रेलवे को परिचालन संबंधी परेशानियां होती रहती हैं. हटिया-बंडामुंडा सिंगल लाइन पर अक्सर समय से चल रही रेलगाड़ियां विलंब हो जाती है. इसके दोहरीकरण का काम तीन साल से किया जा रहा है. वर्ष 2024 तक इसके पूरा होने की संभावना है. कनेक्टिविटी के लिहाज से महत्वपूर्ण होने के कारण रेलवे पर इसके दोहरीकरण करने के लिए दबाव बनाया जा रहा है.
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