Ranchi : बदलते समय के साथ साइबर अपराधियों ने अपना ठगी का तरीका बदल लिया है. इसको लेकर एसएसपी सुरेंद्र कुमार झा के निर्देश पर रांची पुलिस ने लोगों को जागरूक करने के लिए पोस्टर जारी किया है.
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अपराधी ठगी करने का नया तरीका अपना रहे
रांची पुलिस द्वारा जारी पोस्टर में कहा गया है कि साइबर अपराधियों द्वारा साइबर ठगी करने का नया तरीका अपनाया जा रहा है. हाल के दिनों में साइबर ठगों के द्वारा खाता हैक कर उसमें मौजूद रकम की एफडी बनवा लेते हैं. जब पीड़ित के मोबाइल पर शून्य बैलेंस हो जाने का मैसेज पहुंचता है. तब लोगों को उनकी बात पर यकीन हो जाता है, और उनसे रकम वापस करने का झांसा देकर मोबाइल पर आने वाले ओटीपी बताने को कहते हैं. ओटीपी बताते ही ठगों का काम पूरा हो जाता है. खाते से निकाली गई रकम ठगों के खाते में ट्रांसफर हो जाती है.
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ओटीपी न बताने पर खाते में वापस लौट सकती है रकम
रांची पुलिस द्वारा जारी किए गए पोस्टर में कहा गया है कि साइबर अपराधियों के द्वारा लोगों का खाता है उसमें मौजूद रकम की एफडी बनवा लेते हैं. यह एफडी एक दिन के लिए बनती है. लिहाजा उसी दिन या कुछ घंटे बाद उसकी अवधि पूरी हो जाती है. ऐसे में ठग के पास अपना खेल पूरा करने के लिए अधिकतम 12 घंटे होते हैं. वह खाताधारक से ओटीपी पूछते हैं ,और ओटीपी मिलते ही एफडी से रकम सीधे अपने खाते में ट्रांसफर कर लेते हैं. ओटीपी नहीं बताने पर रकम ठग के खाते में नहीं जा सकती है. ओटीपी पता ना चलने पर खाते से निकाली गई रकम बैंक की पार्किंग जेल में पड़ी रहती है. समय रहते शिकायत की जाए तो इसे वापस खाते में लाया जा सकता है.
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